इंफाल। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा किसी न किसी रूप में जाहिर है। ताजा घटना में मैती समुदाय के लोगों ने सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार किए गए एक प्रतिबंधित संगठन के 12 लोगों को छुड़ा लिया। बड़ी संख्या में महिलाएं ढाल बन कर खड़ी हो गईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों को वापस हटना पड़ा। इससे एक दिन पहले ही राज्य सरकार के एक मंत्री के घर पर हमला किया गया था। इस बीच हिंसा की घटनाओं को देखते हुए इंटरनेट पर पाबंदी 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले 53 दिन से हिंसा जारी है। शनिवार को ईस्ट इंफाल में सेना ने ऑपरेशन चलाकर प्रतिबंधित संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लुप यानी केवाईकेएल के 12 कैडर्स को पकड़ा था। लेकिन सैकड़ों महिलाओं के विरोध के बाद इन्हें छोड़ना पड़ा। सेना की ओर से बताया गया है कि खुफिया सूचना के बाद ईस्ट इंफाल के इथम गांव में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ था। सुरक्षा बलों ने वहां से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया और केवाईकेएल के 12 कैडर्स को पकड़ा।
घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। करीब डेढ़ हजार लोगों की भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेर लिया। इस भीड़ का नेतृत्व महिलाएं और कुछ स्थानीय नेता कर रहे थे। भीड़ को कोई नुकसान न हो इसे देखते हुए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन रोक दिया और केवाईकेएल के पकड़े गए 12 कैडर्स को छोड़ दिया।पकड़े गए लोगों में संगठन का स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था।ध्यान रहे केवाईकेएल मैती समुदाय का एक ग्रुप है। हाल की हिंसा में कई जगह इस ग्रुप का नाम सामने आया है। सेना ने बताया है कि उत्तम 2015 में डोगरा की 6वीं बटालियन पर हमले का मास्टरमाइंड था।
इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने अमित शाह को राज्य के हालात की रिपोर्ट दी। बीरेन सिंह ने ट्विट कर इसकी जानकारी देते हुए बताया- पिछले हफ्ते राज्य में हिंसा काफी हद तक काबू में आ गई। 13 जून के बाद से राज्य में हिंसा के चलते कोई मौत नहीं हुई है।