नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान पर हंगामा हुआ। सदन का संचालन कर रहे उप सभापति ने उनको टोका और सदन के नेता जेपी नड्डा ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई, जिसके बाद खड़गे ने अपने बयान के लिए खेद जताया। उन्होंने सरकार को भी ‘ठोकने’ का बयान दिया था।
असल में उप सभापति ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा था, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर उप सभापति हरिवंश ने उन्हें टोका और कहा- आप सुबह बोल चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा, ‘ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं’। जब हरिवंश ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी तो खड़गे ने कहा कि वे तो बोलेंगे ही। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन आपको क्या क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे’।
जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं। खड़गे के बयान पर केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा, ‘नेता विपक्ष की ओर से आसन के लिए इस तरह की भाषा किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए’। उन्होंने उप सभापति हरिवंश से मांग करते हुए कहा कि ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। ऐसी भाषा निंदनीय है और माफी के योग्य भी नहीं है। इसके बाद खड़गे ने सदन में खड़े होकर कहा, ‘मैंने आसन के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया’। उन्होंने उप सभापति से कहा, ‘अगर आपको मेरी बातों से ठेस पहुंची है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मैंने ठोको शब्द का इस्तेमाल सरकार की नीतियों के लिए किया है। मैं सरकार से माफी नहीं मांगूंगा’।