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18-04-2025 Vol 19

कोलकाता की घटना से राष्ट्रपति भी निराश

नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना पर पूरे राज्य में चल रहे विरोध प्रदर्शनों और डॉक्टरों की हड़ताल के बीच इस घटनाक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने इस घटना पर निराशा जताई है और कहा है कि वे भी भयभीत महसूस कर रही हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में यह मुद्दा उठा चुके हैं।

कोलकाता में हुई घटना के 20 दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला बयान आया है। उन्होंने कहा- मैं घटना को लेकर निराश और डरी हुई हूं। अब बहुत हो चुका। समाज को ऐसी घटनाओं को भूलने की खराब आदत है। राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘विमेंस सेफ्टी: एनफ इज एनफ’ नाम से एक लेख लिखा था, जिस पर उन्होंने मंगलवार, 27 अगस्त को समाचार एजेंसी पीटीआई के संपादकों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता।

गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार हुआ था, जिसके बाद हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रपति ने इसे लेकर लिखा- कोलकाता में हुई डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना से देश सकते में है। जब मैंने इसके बारे में सुना तो मैं निराश और भयभीत हुई। ज्यादा दुखद बात यह है कि यह घटना अकेली घटना नहीं है। यह महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक हिस्सा है।

राष्ट्रपति ने लिखा- जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे थे, तो अपराधी दूसरी जगहों पर शिकार खोज रहे थे। पीड़ितों में किंडरगार्टन की बच्चियां तक शामिल थीं। कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। देश के लोगों का गुस्सा जायज है, मैं भी गुस्से में हूं। उन्होंने लिखा- पिछले साल महिला दिवस के मौके पर मैंने अखबार के एक लेख के जरिए अपने विचार और उम्मीदें साझा की थीं। महिलाओं को सशक्त करने की हमारी पिछली उपलब्धियों को लेकर मैं सकारात्मक हूं।

उन्होंने आगे लिखा- मैं खुद को भारत में महिला सशक्तिकरण की इस शानदार यात्रा का एक उदाहरण मानती हूं, लेकिन जब भी मैं देश के किसी कोने में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में सुनती हूं तो मुझे गहरी पीड़ा होती है। मैंने रक्षाबंधन पर स्कूल के बच्चों से मुलाकात की थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हम उन्हें भरोसा दिला सकते हैं कि निर्भया जैसे केस अब नहीं होंगे। मैंने उन्हें बताया कि हर नागरिक की रक्षा करना राष्ट्र की जिम्मेदारी है, लेकिन साथ ही सेल्फ डिफेंस और मार्शल आर्ट्स में ट्रेनिंग लेना सभी के लिए जरूरी है, खासतौर से लड़कियों के लिए, ताकि वे और ताकतवर हो सकें।

NI Desk

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