नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस महीने पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वे 15 अक्टूबर को दो दिन के दौरे पर पाकिस्तान जाएंगे। सुषमा स्वराज भारत की आखिरी विदेश मंत्री थीं, जो पाकिस्तान के दौरे पर गई थीं। 2015 में हुए उनके दौरे के नौ साल बाद भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान जाएगा। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच इस दौरान कोई दोपक्षीय वार्ता नहीं होगी। एससीओ एक बहुपक्षीय मंच है, जिसकी बैठक सदस्य देशों में होती है।
इस बार इस्लामाबाद में पाकिस्तान की मेजबानी में बैठक हो रही है, जिसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने भारत को न्योता भेजा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार, चार अक्टूबर को बताया कि जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे और राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्री की यात्रा को पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार के कदम के तौर पर देखे जाने के बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल कहा कि भारत एससीओ चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से न्योता आने के एक दिन बाद 30 अगस्त को जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्ते पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम अंजाम तक पहुंचता है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट चुका है, मुद्दा खत्म हो चुका है। अब हम पाकिस्तान से किसी रिश्ते पर क्यों विचार करें।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान पहुंचे जाकिर नाइक, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा, मध्य पूर्व में तनाव और वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी बात की। बहरहाल, आखिरी बार सुषमा स्वराज पाकिस्तान के दौरे पर गई थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक हुई लाहौर यात्रा के बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है।