Tuesday

15-04-2025 Vol 19

पार्टी अध्यक्ष चुनना संघ का काम नहीं

बेंगलुरू। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, आरएसएस ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिन की बैठक के आखिरी दिन रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी या किसी भी पार्टी का अध्यक्ष चुनना संघ का काम नहीं है। तीन दिन की बैठक के बाद रविवार को आरएसएस के नंबर दो पदाधिकारी सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि संघ किसी को कोई सूची नहीं सौंपता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग संघ के स्वयंसेवक हैं इसलिए उनसे संबंध है। भाजपा की सरकारों में मंत्रियों के निजी सहायकों या पदाधिकारियों की नियुक्ति में संघ की ओर से दबाव डाले जाने के मसले पर भी उन्होंने कहा कि किसी भी नियुक्ति के लिए कोई दबाव नहीं डाला जाता है। माना जा रहा है कि संघ और भाजपा में सहमति नहीं बन पाने की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव टल रहा है।

बहरहाल, भाजपा अध्यक्ष पद के लिए सुझाव देने के सवाल पर होसबाले ने कहा, ‘हमारे लिए सब समान है। देश के लिए सभी लोग काम कर रहे हैं और हम स्वतंत्र संगठन है। वहां संगठन के स्वयंसेवकों का मतलब हमारा संबंध है। संगठन के संविधान में जो चीजें उनको करनी है वो करते हैं’। उन्होंने आगे कहा, ‘इस विषय पर हमसे पूछा जाना चाहिए, ऐसी हमारी कोई अपेक्षा भी नहीं है। उनको क्या करना चाहिए उनके टाइम टेबल के हिसाब से कब करना चाहिए, वो वहां के लोगों का काम है। हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करते, वो हमारा काम नहीं करते, हम उनका काम नहीं करते’। होसबाले ने कहा, ‘वे लोग प्रशिक्षित हैं और काबिल भी हैं। यानी ये चुनाव हमसे पूछकर करना है, हमको कोई लिस्ट देनी है… ऐसा नहीं होता और हम ऐसा करेंगे भी नहीं। वो किसी को भी चुनें। देश के लिए चुनें’।

औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर होसबाले ने कहा, ‘औरंगजेब जैसे आक्रांता हमारे आइकॉन नहीं हो सकते। हमलावर सोच देश के लिए खतरा है। इस पर चिंतन की जरूरत है’। उन्होंने कर्नाटक में सरकारी ठेकों में चार फीसदी मुस्लिम आरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा,  ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर के लिखित संविधान में धर्म आधारित आरक्षण स्वीकार नहीं किया गया है’। गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने हाल ही में आरक्षण को लेकर बिल पास किया है।

संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में आरएसएस की स्थापना के एक सौ साल पूरे होने के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा हुई। इस बारे में होसबाले ने कहा, ‘आरएसएस का शताब्दी वर्ष कोई उत्सव नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण, स्वीकृति और समाज को संगठित करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का अवसर है’। उन्होंने 2025-2026 के लिए संघ के कार्यक्रमों की भी घोषणा की। उन्होंने वक्फ बोर्ड बिल में बदलाव को लेकर कहा कि अब तक जो हुआ है वह सही हुआ है। होसबाले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि महाराणा प्रताप का संघर्ष भी स्वतंत्रता संग्राम था। अगर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ाई स्वतंत्रता संग्राम मानी जाती है, तो उससे पहले के आक्रमणकारियों के खिलाफ संघर्ष भी स्वतंत्रता संग्राम था। बैठक के दूसरे दिन शनिवार को बांग्लादेश के हिंदुओं की हालत पर एक प्रस्ताव पास किया गया था।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *