नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से वायु सेना की ताकत बढ़ाने के बाद अब केंद्र सरकार राफेल से ही नौसेना की ताकत बढ़ाने जा रही है। केंद्र सरकार ने फ्रांस से 26 मरीन राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी यानी सीसीएस की बुधवार, नौ अप्रैल को हुई बैठक में इस सौदे को मंजूरी दे दी। इस सौदे के मुताबिक भारत को 64 हजार करोड़ रुपए में 26 मरीन लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं।
इस सौदे के तहत फ्रांस 22 सिंगल सीटर और चार दो सीटर लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। समुद्र में चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने में भारत को इससे मदद मिलेगी। गौरतलब है कि भारत और फ्रांस दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन का सौदा उसी कीमत में करना चाहता था, जो 2016 में वायु सेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी।
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए के सौदे में भारत वायु सेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है। 26 राफेल एम लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल एम जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराएगा।