नई दिल्ली। अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को निकालने और भारत पहुंचाने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है कि भारत सरकार की ओर से प्रतिरोध दर्ज कराने के बावजूद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ी लगा कर ही जहाज में बैठाया। हालांकि इस बार महिलाओं को चेन से नहीं बांधा गया था। इस बार अमेरिका से आए अवैध प्रवासियों को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि कई सिख नौजवानों के सिर पर पगड़ी नहीं थी।
पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने दावा किया कि शनिवार की रात को साढ़े 11 बजे के करीब अमृतसर पहुंचे अमेरिकी विमान से उतरे कई सिख नौजवानों के सर पर पगड़ी नहीं थी। शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से उनके लिए पगड़ी की व्यवस्था की गई। धालीवाल पूरी रात अमृतसर हवाईअड्डे पर रहे और अलग अलग जगहों के लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करते रहे।
गौरतलब है कि अमेरिकी वायु सेना का विमान ग्लोबमास्टर शनिवार देर रात साढ़े 11 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इसमें 116 भारतीय नागरिक थे, जिनको जबरन भारत भेजा गया। इस बार महिलाओं व बच्चों को छोड़ कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया था। हवाईअड्डे पर ही उनके परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब पांच घंटे की जांच पड़ताल के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इस दौरान किसी को भी मीडिया से बातचीत नहीं करने दी गई।
शनिवार को जबरन वापस भेजे गए लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो दो और हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर से एक एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं। पिछले बैच को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सवाल किए थे कि जब सबसे ज्यादा 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात के थे तो विमान को अहमदाबाद या अंबाला की जगह पंजाब क्यों उतारा गया? उन्होंने पंजाब को बदनाम करने का आरोप भी लगाया था। अवैध प्रवासियों का तीसरा विमान रविवार की रात को अमृतसर पहुंचा।