नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पैसे चुकाने के बावजूद फ्लैट्स के लिए भड़क रहे लोगों को भरोसा दिलाया है और कहा है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी। सर्वोच्च अदालत ने बैंकों और बिल्डरों के बीच कथित मिलिभगत पर चिंता जताई है और भरोसा दिलाया है कि मकान मालिकों की शिकायतों की जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी। भारत सरकार की ओर से सुनवाई में मौजूद एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने भी कहा है कि अगर अदालत को लगता है तो वह सीबीआई जांच करा सकती है।
असल में, हाल के दिनों में मकान मालिकों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में इन मकान मालिकों ने दावा किया कि बिल्डरों की ओर से देरी के कारण उन्हें फ्लैटों का कब्जा नहीं मिला है। दूसरी ओर बैंक मकान मालिकों को ईएमआई का भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता में दो जजों की बेंच इस मामन की सुनवाई कर रही है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से सीबीआई जांच करवाएंगे, यह स्पष्ट है कि हजारों लोग रो रहे हैं। हम उनके आंसू नहीं पोंछ सकते, लेकिन हम उनके मुद्दों को हल कर सकते हैं। समयबद्ध तरीके से कुछ बहुत प्रभावी किया जाना चाहिए’। कोर्ट ने कहा, ‘हम सीबीआई को इसके लिए रिपोर्ट देने को कहेंगे’। इस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को भी आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा, ‘हम किसी भी बैंक को संदेह से मुक्त प्रमाणित नहीं कर सकते’।
बैंकों पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा, ‘हमने बैकों की कार्यप्रणाली को देखा है। बैंक कैसे काम करते हैं। आपकी गलती यह है कि यह जानते हुए कि साइट पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है। आपने 60 फीसदी पेमेंट जारी कर दिया! यह बिना किसी बदले के कैसे हो सकता है’! इस मामले पर एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अगर अदालत महसूस करती है तो सीबीआई जांच करा सकती है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।