देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार को बर्फ पहाड़ टूटने की घटना में फंसे मजदूरों में से चार की मौत हो गई है, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी जारी है, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं। भारी बर्फबारी की वजह से ही शुक्रवार और शनिवार को राहत व बचाव कार्य में परेशानी आई।
बहरहाल, हादसे के दूसरे दिन शनिवार को 17 मजदूरों को बचाया गया। इससे पहले शुक्रवार को 33 मजदूरों को बचाया गया था। इनमें गंभीर रूप से घायल चार लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। पांच मजदूर अब भी लापता हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार, 28 फरवरी को चमोली के माणा गांव के नजदीक सुबह सवा सात बजे बर्फ का पहाड़ टूट गया हुआ। वहां मोली बद्रीनाथ हाईवे पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी बीआरओ के 55 मजदूर कंटेनर हाउस में रुके थे, तभी बर्फ का पहाड़ खिसक गया। सभी मजदूर इसकी चपेट में आ गए।
हादसे के तुरंत बाद बाद सेना के अलावा आईटीबीपी, बीआरओ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के दौ सौ से ज्यादा जवान राहत व बचाव कार्य में लगे रहे। हिमस्खलन में जो 55 मजदूर फंसे थे, उनमें बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 11-11 मजदूर थे। हिमाचल प्रदेश के सात और जम्मू कश्मीर व पंजाब के एक एक मजदूर शामिल है। 13 मजदूरों का पता और मोबाइल नंबर नहीं है। इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार की सुबह घटनास्थल का दौरा किया और मजदूरों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से बातचीत की और राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली। बचाव कार्य में लगी एजेंसियों ने बताया है कि गंभीर रूप से घायल सभी मजदूरों के सिर में चोट लगी है।