Thursday

24-04-2025 Vol 19

फेक न्यूज रोकने के कानून पर सवाल

मुंबई। फेक न्यूज रोकने के लिए सूचना व प्रौद्योगिकी नियमों में बदलाव को लेकर की गई केंद्र सरकार की पहल पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है। हाई कोर्ट ने इन संशोधनों को कुछ ज्यादा ही सख्त बताया है। जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने शुक्रवार को कहा- नियमों में बदलाव भारी पड़ सकते हैं। चींटी मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

इतना ही नहीं बेंच ने यह भी कहा कि वो अभी भी नियमों में संशोधन के पीछे की जरूरतों को नहीं समझ पाई है। उसे यह भी अजीब लगता है कि सरकार ने फैक्ट चेकिंग यूनिट यानी एफसीयू को यह तय करने की पूरी शक्ति दे दी है कि क्या नकली, झूठा और क्या भ्रामक है। बेंच ने कहा- लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सरकार भी उतनी ही भागीदार है जितना एक नागरिक है। इसलिए एक नागरिक को सवाल करने और जवाब मांगने का मौलिक अधिकार है। सरकार जवाब देने के लिए बाध्य है।

हाई कोर्ट ने सरकार से यह भी सवाल किया कि बदले गए नियमों के तहत बनाई जाने वाली फैक्ट चेकिंग यूनिट की जांच कौन करेगा। जस्टिस पटेल ने कहा- ऐसी धारणा है कि एफसीयू जो कहता है वह निर्विवाद रूप से अंतिम सत्य है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले फर्जी कंटेंट पर लगाम लगाने के आईटी नियमों में बदलाव किए हैं। स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

NI Desk

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