नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव में गड़बड़ी और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से छेड़छाड़ के कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। नतीजों के बाद कांग्रेस ने कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। लेकिन चुनाव आयोग ने 16 सौ पन्नों के अपने जवाब में कांग्रेस की ओर से लगाए गए अनियमितता के आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया है। आयोग ने कांग्रेस पार्टी को हर चुनाव के बाद निराधार आरोप लगाने से दूर रहने के लिए कहा।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से आग्रह किया कि मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर गैर जिम्मेदाराना नहीं लगाने चाहिए क्योंकि इस तरह के आरोप सार्वजनिक अशांति और अराजकता का कारण बन सकते हैं। पिछले एक साल में पांच खास मामलों का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को नसीहत दी और कहा कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को बिना किसी सबूत के चुनावी से जुड़े कार्यों पर आदतन हमलों से बचना चाहिए।
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया में हर चरण बिना किसी अनियमितता के था और कांग्रेस उम्मीदवारों या एजेंटों की निगरानी में किया गया था। चुनाव आयोग ने 1,642 पन्नों का जवाब भेजा, जिसमें कई किस्म के सबूत शामिल हैं। आयोग ने बताया कि हर चरण पर कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद थे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग से कांग्रेस की शिकायत के अलावा यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। 16 अक्टूबर को कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग व काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने ईवीएम से हरियाणा में चुनाव कराए हैं। उसी के आधार पर नतीजे भी घोषित किए हैं। मगर, कुछ ईवीएम 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60 से 70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं।