नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का बचाव किया। साथ ही उन्होंने एक्जिट पोल पर सवाल उठाए और जम्मू कश्मीर व हरियाणा में आनन फानन में रूझान बताने के लिए मीडिया समूहों पर भी निशाना साधा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने साढ़े आठ बजे से गिनती शुरू की थी लेकिन चैनलों पर आठ बजे से ही रूझान दिखाए जाने लगे थे। उन्होंने कहा कि एक्जिट पोल के अनुमानों को सही ठहराने के लिए ऐसा किया गया।
ईवीएम का बचाव करते हुए राजीव कुमार ने कहा- लोग पूछते हैं कि किसी देश में पेजर से ब्लॉस्ट कर देते हैं, तो ईवीएम क्यों नहीं हैक हो सकती। पेजर कनेक्टेड होता है भाई, ईवीएम नहीं। छह महीने पहले ईवीएम की चेकिंग शुरू होती है। पोलिंग सेंटर पर ले जाना, वोटिंग के बाद वापस लाना। हर एक स्टेज पर पॉलिटिकल पार्टी के एजेंट या उम्मीदवार मौजूद होते हैं। उन्होंने कहा- जिस दिन कमीशनिंग होती है, उस दिन बैटरी डाली जाती है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने मतदान के दिन कुछ मशीनों की बैट्री 99 फीसदी चार्ज होने पर सवाल उठाए थे।
बहरहाल, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- वोटिंग से पांच छह दिन पहले ईवीएम की कमिशनिंग होती है। इस दिन चुनाव चिन्ह डाले जाते हैं और बैटरी डाली जाती है। बैटरी पर भी एजेंट के दस्तखत डाले जाते हैं। उन्होंने आगे कहा- मशीन स्ट्रॉन्ग रूम में जाती है, वहां भी तीन स्तर की चेकिंग होती है। जिस दिन पोलिंग के लिए मशीनें निकलेंगी, तब भी यही प्रोसेस होगा। राजीव कुमार ने कहा- वीडियोग्राफी होगी। नंबर भी शेयर होंगे, ये मशीन यहां बूथ पर जाएगी। फिर चेकिंग होगी, वोट डालकर देखे जाएंगे। पूरे दिन वोटिंग हुई। फिर मशीन लॉक। इसके बाद दस्तखत और हिसाब किताब होता है। उन्होंने कहा- 20 शिकायतें आई हैं। हम हर सवाल का फैक्चुअल जवाब देंगे। जल्दी देंगे। लेकिन अगला भी कुछ आएगा, रुकेगा नहीं।