नई दिल्ली। ईरान के साथ तेल का कारोबार करने के मामले में अमेरिकी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दुनिया के कई देशों की कंपनियों को प्रतिबंधित किया है। ट्रंप प्रशासन ने भारत की चार कंपनियों पर पाबंदी लगाई है। बताया गया है कि ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और उनकी ढुलाई में मध्यस्थता की वजह से इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अंग्रेजी के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के वित्त विभाग ने सोमवार को एक बयान जारी करके इस बारे में जानकारी दी। अमेरिका का कहना है कि ईरान से तेल का निर्यात अवैध शिपिंग नेटवर्क के जरिए किया जाता है। डोनाल्ड ट्रंप की अत्यधिक दबाव डालने की नीति के तहत अमेरिका ऐसे नेटवर्क पर कार्रवाई कर रहा है, जिससे ईरान की कमाई के जरिए को रोका जा सके।
अमेरिका के वित्त विभाग की ओर से कहा गया है, आज जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई है, उनमें संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई और हांगकांग के ऑयल ब्रोकर, भारत और चीन के टैंकर ऑपरेटर और मैनेजर, ईरान की नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी के हेड और ईरानी ऑयल टर्मिनल्स कंपनी शामिल हैं। इनकी वजह से ईरान की अस्थिर करने वाली गतिविधियों में वित्तीय मदद मिली है।
अमेरिकी सरकार ने जिन भारतीय कंपनियों पर पाबंदी लगाई है उनमें मुंबई की कंपनी फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, दिल्ली व एनसीआर की कंपनी बीएसएम मैरीन एलएलपी व ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और तंजावुर की कंपनी कॉसमॉस लाइन्स इंक शामिल हैं। इन चार कंपनियों में से तीन पर ईरानी ऑयल और पेट्रोलियम उत्पादों के ट्रांसपोर्ट में शामिल जहाजों के कॉमर्शियल और टेक्निकल मैनेजमेंट की वजह से बैन लगाया गया। जबकि कॉसमॉस लाइन्स को ईरानी पेट्रोलियम के ट्रांसपोर्ट में शामिल होने की वजह से बैन किया गया।