नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की रहने वाली और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ अब देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलेगा। पिछले कुछ समय से वे लगातार भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में लिख और बोल रही थीं। इस बीच खबर आई कि दिल्ली के उप राज्यपाल ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की जो मंजूरी दी थी, उसे उन्होंने वापस ले लिया है। अब दिल्ली की एक अदालत ने इसी आधार पर मुकदमा वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनुज कुमार सिंह ने 27 फरवरी को अभियोजन पक्ष की ओर से दायर आवेदन पर मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया। आवेदन के मुताबिक दिल्ली के उप राज्यपाल ने शेहला रशीद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी वापस ले ली है। उप राज्यपाल ने 23 दिसंबर, 2024 को शेहला पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। अब एक स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश पर यह मंजूरी वापस ले ली है।
गौरतलब है कि शेहला के खिलाफ 2019 में देशद्रोह और दंगे भड़काने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने ट्विट करके सेना पर कश्मीर में अत्याचार करने का आरोप लगाया था। जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर और कश्मीरी नेता शेहला राशिद ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में लोगों पर अत्याचार से जुड़ी बातें लिखी थीं। उन्होंने ट्विटर पर सेना और केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार 10 ट्विट किए। लेकिन बाद में उनके सुर बदल गए। उन्होंने 15 अगस्त, 2023 को ट्विट करके कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र के कोशिशों से कश्मीर के हालात और मानव अधिकार पहले से बेहतर हुए हैं।