नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड के नियमों में बदलाव के लिए लाए गए विधेयक पर विचार के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक में सोमवार को बड़ा हंगामा हो गया। विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने जेपीसी की बैठक की बहिष्कार किया और इसके अध्यक्ष जगदंबिका पाल को बदलने की मांग की। असल में सोमवार की बैठक में एक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगाया गया। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
बैठक से बाहर निकलने के बाद विपक्षी सांसदों ने स्पीकर को चिठ्ठी लिख कर कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। विपक्षी सांसदों ने स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा। विपक्ष का आरोप है कि कमेटी की कार्यवाही तय नियम के हिसाब से नहीं हो रही है। असल में कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दिया, लेकिन यह बिल से जुड़ा न होकर कर्नाटक सरकार और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को बदनाम करने के लिए था। अनवर ने अपने प्रेजेंटेशन में खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सांसदों ने विरोध किया।
गौरतलब है कि, मार्च 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिप्पाडी कमेटी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा को अपनी रिपोर्ट दी थी। उन्होंने ही सोमवार को एक प्रेजेंटेशन के जरिए कर्नाटक सरकार और खड़गे पर आरोप लगाया। गौरतलब है कि वक्फ संशोधन बिल आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे जेपीसी को सौंपा गया था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।