नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में वक्फ बोर्ड बिल पेश किए जाने की सरकार की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है। सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण का तीसरा हफ्ता शुरू होगा। इस हफ्ते के आखिर में या अगले हफ्ते के पहले दिन सरकार बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। उससे पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस विधेयक को देश के संविधान पर हमला बताते हुए आरोप लगाया है कि प्रस्तावित कानून के जरिए सदियों पुराने सामाजिक सद्भाव के बंधनों को भाजपा नुकसान पहुंचाने में जुटी हुई है।
कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि यह विधेयक दुष्प्रचार और पूर्वाग्रह पैदा करके अल्पसंख्यक समुदायों को बदनाम करने के भाजपा के प्रयासों का भी हिस्सा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को वक्फ संशोधन बिल पर पार्टी का रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि इस विधेयक का मकसद संवैधानिक प्रावधानों को कमजोर करना है जो सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुरक्षा की गारंटी देते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने की रणनीति पर भाजपा काम कर रही।
जयराम रमेश ने वक्फ बिल पर गठित संयुक्त संसदीय समिति, जेपीसी की रिपोर्ट में विपक्षी सांसदों के सुझावों को दरकिनार किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2024 कई गंभीर कमियां हैं। उन्होंने कहा कि पहले के कानूनों के तहत वक्फ प्रबंधन के लिए बनाए गए सभी संस्थानों की स्थिति, संरचना और अधिकार को सुनियोजित तरीके से कम करने का प्रयास किया गया है। ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी धार्मिक परंपराओं और धार्मिक संस्थाओं के प्रशासनिक अधिकार से वंचित किया जा सके। गौरतलब है कि जेपीसी में विपक्ष की ओर से दिए गए सभी सुझावों को खारिज कर दिया गया था और एनडीए सांसदों की ओर से दिए गए सुझावों को रिपोर्ट में शामिल किया गया था। इसी आधार पर सरकार बिल तैयार कर रही है।