नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक चार मंजिला इमारत गिर जाने से उसमें दब कर 11 लोगों की मौत हो गई। घटना दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके की है, जहां शुक्रवार को देर रात ढाई बजे एक चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में 11 लोग घायल हुए। इनमें से पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इमारत 20 साल पुरानी है। देर रात दुर्घटना के बाद राहत और बचाव का काम 12 घंटे से ज्यादा समय तक चला।
हादसे के बाद एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस की टीमों ने घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने बताया कि हादसे के समय इमारत में 22 लोग थे। इनमें इमारत के मालिक तहसीन और उनके परिवार के छह सदस्य भी मारे गए। मरने वालों में तीन महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार की देर शाम को अचानक दिल्ली में मौसम बदला था। तेज बारिश और आंधी, तूफान के चलते कई इलाकों में नुकसान हुआ। माना जा रहा है कि इसी वजह से मुस्तफाबाद की इमारत भी ढह गई। हादसे के वक्त पड़ोस में रहने वाले लोगों ने भूकंप के झटके जैसे महसूस किए और कहा कि उनके नीचे की मंजिल हिल रही थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीवर का गंदा पानी सालों से इमारतों की दीवारों में रिस रहा था और समय के साथ नमी ने इमारत को कमजोर कर दिया था, जिससे दीवारों में दरारें पड़ गई थी। इसी वजह से हादसा हुआ। लोगों ने बताया कि चार से पांच और इमारतों की हालत खतरनाक है।
राहत और बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुस्तफाबाद हादसे को पैनकेक कोलैप्स कहते हैं। इस तरह के हादसों में बिल्डिंग के फ्लोर एक के ऊपर एक गिर जाते हैं, जहां बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसलिए मलबा हटाने का काम चुनौतीपूर्ण हो गया। जगह की कमी के कारण भारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं हो सका। हादसे की खबर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी’।