नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आय पर लगने वाले कर में अब तक की सबसे बड़ी छूट दी है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार, 31 जनवरी को कहा था कि, ‘मां लक्ष्मी की मध्य वर्ग के लोगों पर कृपा हो’ वैसे ही वित्त मंत्री ने शनिवार, एक फरवरी को कृपा बरसाई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपए की आय को कर से पूरी तरह मुक्त करने का ऐलान किया। नौकरीपेशा यानी वेतन पाने वाले लोगों की 12.75 लाख रुपए की सालाना आय कर से मुक्त होगी। आयकर में छूट से सरकार को हर साल एक लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।
वित्त मंत्री ने नया आयकर कानून लाने का ऐलान किया, जिसका बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार आठवीं बार बजट पेश किया। उन्होंने प्रत्यक्ष कर यानी आयकर के प्रावधानों की घोषणा करते हुए कहा कि शून्य से चार लाख रुपए तक जीरो टैक्स है, चार से आठ लाख तक पांच फीसदी और आठ से 12 लाख तक आय पर 10 फीसदी टैक्स का स्लैब बनाया गया है। लेकिन सरकार दूसरे और तीसरे स्लैब का टैक्स नियम 87ए के तहत माफ कर देगी। इस तरह 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। यह छूट नया टैक्स रिजीम चुनने पर मिलेगा। पुराने टैक्स रिजीम के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नौकरीपेशा लोगों को नई टैक्स रिजीम चुनने पर सालाना 12.75 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। उन्हें 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। यह राहत सिर्फ नौकरीपेशा लोगों के लिए है। अन्य किसी भी जरिए से आमदनी होने पर टैक्स में छूट की सीमा सिर्फ 12 लाख रुपए होगी। इसके साथ ही सरकार ने करदाताओं को पिछले चार साल का टैक्स रिटर्न एक साथ फाइल करने की छूट भी दी है। पहले तक यह सीमा दो साल थी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए आय के स्रोत पर टैक्स यानी टीडीएस की सीमा 50 हजार से बढ़ा कर एक लाख रुपए कर दी गई है। पहले बुजुर्गों को एफडी पर मिलने वाले 50 हजार ब्याज पर टीडीएस नहीं लगाया जाता था। अब इसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है। 10 करोड़ से ज्यादा बुजुर्गों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टीडीएस की सीमा बढ़ा कर 10 लाख रुपए तक कर दी गई है, जबकि किराए पर लगने वाले टीडीएस की सीमा दो लाख 40 हजार रुपए से बढ़ा कर छह लाख रुपए तक कर दी गई है।