पटना। जबरदस्त ठंड के इस मौसम में लालू प्रसाद ने बिहार की राजनीति गरमा दी है। लालू प्रसाद ने एक इंटरव्यू में कह दिया कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश आएंगे तो फिर उनको साथ ले लेंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। हालांकि उनके बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब भी कहा है कि नीतीश के लिए राजद का दरवाजा बंद है। दूसरी ओर नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया।
असल में नए साल के पहले दिन बुधवार, एक जनवरी को लालू प्रसाद ने एक इंटरव्यू ने कहा, ‘नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे तो खुले ही हैं। नीतीश को भी दरवाजा खोल कर रखना चाहिए। नीतीश अगर आते हैं तो साथ क्यों नहीं लेंगे, ले लेंगे साथ। वो साथ आएं, मिलकर काम करें’। उन्होंने नीतीश को लेकर आगे कहा, ‘हमेशा भाग जाते हैं, हम माफ कर देंगे’। इसके बाद गुरुवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश कुमार आमने सामने हुए।
बाद में तेजस्वी ने मीडिया से कहा, ‘नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं’। अपने पिता लालू प्रसाद के बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मीडिया के सवालों को टालने के लिए राजद सुप्रीमो ने ऐसा कहा था। मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि नीतीश के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं’। बहरहाल, राज्यपाल के शपथ में मुलाकात के दौरान तेजस्वी यादव ने नए साल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी, लेकिन यह दावा भी किया कि इस साल नीतीश सरकार की विदाई तय है।
लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, ‘लालू जी क्या बोलते हैं, नहीं बोलते हैं। वो लालू जी जानें। हम लोग एनडीए में हैं और एनडीए में ही रहेंगे’। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ‘नीतीश जी लालू जी की नस नस जानते हैं कि कैसे उन्होंने बिहार को लूटा है। डरी हुई पार्टी का क्या है, ये तो डरे हुए लोग हैं। लालू जी डरे हुए हैं कि एनडीए ने उन्हें लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हराया है, ये फिर से हरा देंगे’।