चंडीगढ़। कट्टरपंथी पंजाबी नेता और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के साथियों को असम की जेल से निकाल कर पंजाब लाया जाएगा। अमृतपाल कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख है और कट्टरपंथी गतिविधियों की वजह से उसको गिरफ्तार किया गया है। खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल और उसके आठ साथियों को गिरफ्तार करके असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इनमें से सात लोगों को जल्दी ही पंजाब लाया जाएगा। पंजाब सरकार ने इन सभी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए जारी रखने से इनकार कर दिया है।
सोमवार, 17 मार्च से अमृतपाल सिंह के साथियों को पंजाब लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह और उसका साथी पप्पलप्रीत सिंह अभी डिब्रूगढ़ जेल में ही रहेंगे, क्योंकि पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में चल रही उनकी रासुका मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होनी है। उसके बाद पंजाब सरकार आगे का फैसला लेगी। अभी पंजाब पुलिस बाकी सात लोगों को डिब्रूगढ़ जेल से गिरफ्तार कर पंजाब लाएगी और पंजाब के थानों में दर्ज सभी मामलों में कार्रवाई करेगी।
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह से पहले उसके आठ साथी गिरफ्तार हो गए थे। उन्हें गिरफ्तारी के साथ ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद करके रखा गया। अमृतपाल 20 दिन से ज्यादा समय तक फरार रहा। बाद में उसे खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव से गिरफ्तार किया गया। जेल में रह कर संगत के कहने पर उसके निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से चुनाव जीत कर सांसद बन गया।