लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी पद से हटा दिया है और साथ ही पार्टी के सभी पदों से भी मुक्त कर दिया है। मायावती ने यह भी ऐलान कर दिया है कि उनके जीते जी पार्टी में कोई भी उनका उत्तराधिकारी नहीं होगा। बसपा प्रमुख ने अपने भाई आनंद कुमार को नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। एक साल के अंदर मायावती ने दूसरी बार आकाश को उत्तराधिकारी नियुक्त करने के बाद उनको हटाया है। उन्होंने कहा कि आकाश को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की वजह से हटाया गया है। गौरतलब है कि मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को कुछ समय पहले ही पार्टी से निकाला था।
लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने का ऐलान करते हुए मायावती ने कहा, ‘जीते जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी’। बसपा सुप्रीमो ने दो नए नेशनल को ऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। अपने भाई और आकाश के पिता आनंद कुमार और रामजी गौतम को यह जिम्मेदारी दी गई है। रविवार को हुई बैठक में बसपा के कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हुए। आकाश आनंद मीटिंग में नहीं पहुंचे थे। पहले मंच पर दो कुर्सियां लगाई गई थीं, लेकिन बाद में एक कुर्सी हटा ली गई। मंच पर अकेले मायावती ही बैठी रहीं।
मायावती ने कहा, ‘मैं यह बताना चाहती हूं कि बदले हुए हालात को देखते हुए अब हमने अपने बच्चों के रिश्ते गैर राजनीतिक परिवारों में ही करने का फैसला किया। इसका मकसद यह है कि भविष्य में हमारी पार्टी को किसी भी तरह का नुकसान न हो, जैसा कि अशोक सिद्धार्थ के मामले में हुआ। इतना ही नहीं, बल्कि मैंने खुद भी यह निर्णय लिया है कि मेरे जीते जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा’। मायावती ने कहा, ‘मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, जबकि परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी। कांशीराम के पदचिह्नों पर चलते हुए अशोक सिद्धार्थ, जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं। उन्हें पार्टी और मूवमेंट के हित में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में पार्टी को गुटों में बांटकर कमजोर करने का काम किया था’।
मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश को उनके ससुर के कारण हटाया गया है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक आकाश आनंद का सवाल है, तो यह सभी को पता है कि उनकी शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी से हुई है। अब जब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया गया है, तो यह देखना जरूरी होगा कि उनकी बेटी पर उनके विचारों का कितना असर पड़ता है। वह आकाश आनंद को कितना प्रभावित कर सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी के हित में आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है’। उन्होंने कहा कि अशोक सिद्धार्थ ने आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी नुकसान पहुंचाया है।