Monday

31-03-2025 Vol 19

कर्नाटक में हारेंगे, पर यूपी में योगीजी जीता देंगे!

कर्नाटक में भाजपा हार रही है! क्या प्रमाण? गौर करें इस तथ्य पर। 29 मार्च को चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर 13 मई नतीजे का दिन तय किया! इसके कोई बारह दिन बाद नौ अप्रैल को उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में नगरीय निकायों के चुनावों की अधिसूचना जारी की। और उसके कार्यक्रम में भी नतीजे का दिन 13 मई! भला दो चुनावों के नतीजे का साझा संयोग क्यों? ताकि यदि 13 मई को कर्नाटक से भाजपा के हारने की खबर आए तो उत्तर प्रदेश में पंचायत, नगर, महानगर सभी तरफ योगीजी की छप्पर फाड़ जीत का मीडिया में डंका बजे। नोट करके रखें कि यूपी में भाजपा की वह छप्पर फाड़ जीत होगी, जिसमें अखिलेश की सपा और मायावती की बसपा का शायद ही किसी अहम नगरपालिका में सभापति बने। नोट रखें 13 मई को यह हल्ला भी होगा कि सन् 2024 के चुनाव में अखिलेश की पार्टी यदि एक भी लोकसभा सीट जीत जाए तो बड़ी बात। भाजपा-एनडीए को सन् 2019 में 64 ही सीटें मिली थी मगर आज के नतीजों को देखते हुए 2024 में सभी अस्सी सीटें भाजपा जीतेगी!

हां, 13 मई के नतीजों में सपा-बसपा-कांग्रेस तीनों यूपी में लगभग जीरो (जिलों के लोकल चुनाव से लोकसभा चुनाव की गणित में) की स्थिति में होंगे। इसकी जमीन बन गई है। यों बात अतीक अहमद को मिट्टी में मिला देने की है पर असल में अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को मिट्टी में मिलाने का ब्रह्मास्त्र चल गया है। समझें इस बात को कि क्यों मोदी-शाह के लिए यूपी की अस्सी में से सभी अस्सी सीटें जीतना जरूरी है? इसलिए क्योंकि कर्नाटक से लेकर बिहार तक 2024 में यदि थोड़ी-बहुत जितनी भी सीटें कम होंगी तो उसकी भरपाई के लिए अकेले उत्तर प्रदेश सबसे आसान प्रदेश है।

मुलायम सिंह को नरेंद्र मोदी ने यों ही पद्म विभूषण नहीं दिया! वह अखिलेश यादव के पद्म पुरस्कार लेते हुए फोटोशूट से हुआ है तो उससे मुसलमान, यादव दोनों मतदाताओं सहित तमाम मोदी विरोधी वोटो में सीधी मैसेजिंग है कि अखिलेश भी भाजपा की अनुकंपा पर जीने वाले। सन् 2024 का लोकसभा चुनाव न केवल मायावती और बसपा का आखिरी चुनाव होगा, बल्कि सपा और अखिलेश का भी होगा। दोनों नेताओं को आभास नहीं है कि उत्तर भारत के लिए योगी आदित्यनाथ अब भाजपा-संघ के वे इकलौते चेहरे हैं, जो लगातार यूपी में जीतेंगे और दिल्ली में सरकार बनवाए रखेंगे। बुलडोजर या अतीक अहमद को जिस तरह लाया, ले जाया गया और उसके बेटे के एनकाउंटर के बाद यूपी और पूरे देश में योगी का भगवा हुंकारा है। इसके आगे नरेंद्र मोदी का भी मतलब नहीं है। सो, संभव ही नहीं जो योगी के रहते आगे अखिलेश अकेले कुछ भी वजूद बनाए रख सकें। सन् 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की एक-दो सीटें छोड़ सभी सीटें भाजपा की होंगी। फिर उसके रोड रोलर से विधानसभा चुनाव में सपा को यदि 50-75 सीटें मिल भी गईं तो वह अखिलेश का आखिरी चुनाव मतलब मायावती जैसा इसलिए होगा क्योंकि मेरा मानना है कि सन् 2024 के चुनाव बाद पूरे देश, खासकर उत्तर भारत में ओवैसी के साथ मुसलमान होगा। नौजवान मुसलमान अभी भी लगातार ओवैसी भक्त होता हुआ है तो 2024 में भाजपा की जीत के बाद मुसलमान सब ओवैसी की पार्टी के झंडाबरदार होंगे।

बहरहाल 13 मई को कर्नाटक में मोदी के जादू का फेल होना संभव है लेकिन यूपी में योगी के जादू से अखिल भारतीय डंका बनेगा। सवाल है मोदी-शाह कैसे ऐसा होने दे सकते हैं? तभी नरेंद्र मोदी दस मई तक कर्नाटक में जबरदस्त दम लगाएंगे। भाजपा किसी भी सूरत में कांग्रेस को जीतने नहीं दे सकती। सोचें, यदि कांग्रेस जीती तो क्या फिर वह समय का फेर नहीं होगा? डाल-डाल के जवाब में समय क्या अपने आप राहुल गांधी, कांग्रेस अदानी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल आदि से आफत बनता हुआ नहीं? सब उलटा पड़ रहा है। विरोधी नेताओं का चुपचाप शह-मात का खेला बढ़ता हुआ।

हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *