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24-04-2025 Vol 19

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन किस देवी की करें पूजा और कैसे ….

Shardiya Navratri 3rd Day: आदिशक्ति का आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है। शारदीय नवरात्र को शुरू हुए 2 दिन हो गए है औक तीसरा दिन है। नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इनके स्वरूप की बात करें, तो इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है और इनका वाहन सिंह है।

मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जिनमें वे कमल, धनुष, बाण, खड्ग, कमंडल, तलवार, त्रिशूल, और गदा जैसे अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। इनके गले में सफेद फूलों की माला और सिर पर रत्नजड़ित मुकुट शोभायमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में होती हैं और तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति साहसी, पराक्रमी और निर्भय हो जाता है, साथ ही जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।

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ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद मां चंद्रघंटा का ध्यान और स्मरण करें। माता की मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें। मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें और विधिपूर्वक पूजा आरंभ करें। मां चंद्रघंटा को पीले रंग का विशेष महत्व है, इसलिए उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। (Shardiya Navratri 3rd Day)

मां को मिठाई और दूध से बनी खीर विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए उन्हें यह भोग लगाएं। पूजा के दौरान मां के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अंत में चंद्रघंटा माता की आरती करें, जिससे उनकी कृपा प्राप्त हो और जीवन के संकट दूर हों।

मां चंद्रघंटा का भोग

माना जाता है कि मां चंद्रघंटा को खीर बहुत प्रिय है, इसलिए पूजा के दौरान उन्हें केसर या साबूदाने की खीर का भोग लगाया जा सकता है। इसके साथ ही पंचामृत का भोग भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण होता है, जो पांच पवित्र गुणों का प्रतीक है।

मां चंद्रघंटा को यह पंचामृत अत्यंत प्रिय है। इन पांचों पदार्थों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। दूध को शुद्धता और पोषण का प्रतीक माना जाता है, इसलिए आप मां को कच्चा दूध भी अर्पित कर सकते हैं। दही भी मां को बहुत प्रिय है, जिसे आप सादा या फलों के साथ मिलाकर भोग में चढ़ा सकते हैं।

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