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24-04-2025 Vol 19

Navratri 2024: नवरात्रि में ही क्यों चढ़ता है गरबा का रंग? जानें इसका इतिहास

history of garba and dandiya: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने वाली है. शारदीय नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. शारदीय नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित होता है. इस त्योंहार में 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों का पूजन किया जाता है. शारदीय नवरात्रि को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर से शुरू हो रही है. श्राद्ध यानी पितृपक्ष के खत्म होते ही नवरात्रि शुरू हो जाती है.

नवरात्रि का त्योहार कई जगहों पर अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. नवरात्रि के पर्व की पश्चिम बंगाल में लोगों का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. इसके अलावा गुजरात में इस खास त्योहार के दौरान गरबा भी खेला जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि नवरात्रि में गरबा और डांडिया क्यों खेला जाता है….इसके पीछे की वजह क्या है. आइये जानते हैं कि आखिर नवरात्रि के दौरान ही गरबा किसलिए खेला जाता है.

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क्या होता है गरबा-डांडिया में अंतर

गरबा और डांडिया, दोनों ही गुजरात की लोक संस्कृति के अहम हिस्से हैं और इन्हें बड़े उत्साह के साथ निभाया जाता है। हालांकि, दोनों के बीच महत्वपूर्ण अंतर भी होता है, जिसे अक्सर लोग नहीं समझ पाते। कई लोगों को यह भ्रम हो सकता है कि गरबा और डांडिया एक ही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, गरबा मां दुर्गा की आरती से पहले खेला जाता है, जबकि डांडिया आरती के बाद। डांडिया में दो डंडियों (स्टिक) का उपयोग जरूरी होता है, वहीं गरबा बिना किसी वस्तु के परफॉर्म किया जा सकता है।

कैसे खलते है गरबा और डांडिया

गरबा नृत्य शुरू करने से पहले मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसके बाद महिलाएं मिट्टी के कलश में छेद करती हैं और उसमें दीया जलाती हैं, फिर उसमें चांदी का सिक्का डाला जाता है। उसी दीए की रोशनी में धीरे-धीरे गरबा नृत्य किया जाता है। इसमें पुरुष और महिलाएं समूह बनाकर नृत्य करते हैं। गरबा नृत्य के लिए विशेष पारंपरिक पोशाकें निर्धारित होती हैं, जिन्हें पहनकर इस नृत्य को सही तरीके से किया जाता है। (history of garba and dandiya)

वहीं, डांडिया गरबा के मुकाबले और भी अधिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसमें रंग-बिरंगी सजी हुई छोटी डंडियों का उपयोग किया जाता है, साथ ही ढोल-नगाड़े और तबले का भी प्रयोग होता है। डंडियों से उत्पन्न होने वाली ताल और ध्वनि लोगों में उमंग भर देती है और वातावरण को सकारात्मक बना देती है। नवरात्रि 2024 की बात करें तो यह 3 अक्तूबर से शुरू हो रही है, और विजय दशमी का पर्व 12 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा।

NI Desk

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