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24-04-2025 Vol 19

इन महिलाओं में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा…करें ये उपाय

Breast Cancer: आज के कॉर्पोरेट कल्चर में काम करने वाले व्यक्ति को विभिन्न शिफ्टों में काम करने की मजबूरी होती है, खासकर मेडिकल और कॉल सेंटर्स जैसी सेवाओं में, जहां 24 घंटे काम जारी रहता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को नाइट शिफ्ट में भी काम करना पड़ता है। हालांकि, हमारे शरीर का एक स्वाभाविक जैविक पैटर्न होता है, जो दिन में जागने और रात में सोने के लिए अनुकूल है। लेकिन नौकरी की मांग के कारण हमें इस प्राकृतिक पैटर्न के विपरीत काम करना पड़ता है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

नाइट शिफ्ट के कारण नींद में कमी, थकान, तनाव, और शरीर की ऊर्जा कम होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए, ऐसे कार्यकर्ताओं के लिए जरूरी है कि वे अपने जीवनशैली और दिनचर्या में संतुलन बनाए रखें, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण कार्य परिवेश में स्वस्थ और ऊर्जावान बने रह सकें। जामा जर्नल की एक रिसर्च के मुताबिक रात मे काम करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अन्य महिलाओं के मुकाबले 3 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इस रिसर्च के मुताबिक 24 घंटे की बॉडी क्लॉक को बाधित करने से कैंसर की कोशिकाओं का निर्माण होता है जो शरीर में कैंसर की गांठ बनाता है.

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मेलाटोनिन है बेहद जरूरी

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ने के कई कारण होते हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है मेलाटोनिन का उत्पादन। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो सामान्य रूप से रात में सोते समय शरीर में बनता है। यह हार्मोन शरीर में कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह कैंसर कोशिकाओं के निर्माण को रोकता है।(Breast Cancer)

रात में जागने या न सोने के कारण मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित हो जाता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, मेलाटोनिन ट्यूमर के विकास में शामिल जीन को भी प्रभावित करता है, जो ट्यूमर के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, रात में मेलाटोनिन का उत्पादन शरीर के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन नाइट शिफ्ट के कारण जब आप रात में जागते हैं, तो इसका उत्पादन रुक जाता है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

ज्यादा स्मोकिंग

रात-रात भर जागने के लिए कई लोग स्मोकिंग का सहारा लेते हैं। यह देखा गया है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग दिन के मुकाबले रात में अधिक स्मोकिंग करते हैं ताकि नींद न आए। अधिक स्मोकिंग शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

जंक फूड और बेवरेज का सेवन

डॉक्टरों के अनुसार, रात में काम करने वाले लोग दिन में काम करने वालों की तुलना में अधिक जंक फूड और बेवरेज का सेवन करते हैं। जहां दिन में लोग फ्रूट, सलाद, और स्प्राउट्स जैसी हेल्दी चीजें खाते हैं, वहीं रात में काम करने वाले नमकीन स्नैक्स, पिज्जा, बर्गर और कोला जैसी अस्वस्थ चीजों का सेवन अधिक करते हैं। इसका नतीजा मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के साथ-साथ कैंसर के खतरे में भी वृद्धि होती है।

पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर

डॉक्टरों का कहना है कि जहां महिलाओं में नाइट शिफ्ट की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, वहीं पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है। हालांकि, प्रोस्टेट कैंसर के मामले आमतौर पर उम्र बढ़ने पर और लेट स्टेज में सामने आते हैं। राहत की बात यह है कि नाइट शिफ्ट का संबंध अन्य कैंसरों से फिलहाल नहीं पाया गया है।

कैसे करें बचाव

अगर आपकी नाइट शिफ्ट है, तो कोशिश करें कि आप दिन की ड्यूटी में शिफ्ट हो जाएं। अगर यह संभव नहीं है, तो नाइट शिफ्ट के दौरान काम के बीच में नियमित रूप से ब्रेक लें। रात को ज्यादा कॉफी या चाय से बचें। रोजाना एक्सरसाइज करें और अपने खानपान का खास ध्यान रखें ताकि आप इन स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।(Breast Cancer)

NI Desk

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