Diwali 2024: हिंदू धर्म में दिवाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विशेष त्योहार है, जिसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन लोग भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिससे सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त हो. दिवाली के अवसर पर लोगों के बीच गजब का उत्साह और उमंग देखने को मिलता है.
दिवाली की शाम को दीपक जलाकर पूरे घर को रोशन किया जाता है, जिससे अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश मिलता है. हालांकि, भारत के कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां दिवाली का त्योहार उतने बड़े पैमाने पर नहीं मनाया जाता. फिर भी, यह पर्व लोगों के दिलों में प्रकाश और सकारात्मकता का संचार करता है.
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दिवाली क्यों मनाते हैं?
दिवाली के दिन ही भगवान राम अपना 14 वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटकर आए थे. भगवान राम के स्वागत करने के लिए अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे और भगवान राम के वापस आने का उत्सव मनाया था. तब से ही दिवाली मनाने की शुरुआत हुए. तब से लेकर आज तक लोग दिवाली के दिन दीपक जलाते हैं और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते है.
इन राज्यों में नहीं मनाते दिवाली
भारत के केरल राज्य में दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. वहीं केरल के कोच्चि शहर में दिवाली धूमधाम से मनाई जाती है. इसके अलावा तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर दिवाली नहीं मनाई जाती है.
क्या है वजह?
केरल के लोग राजा महाबली को अपना राजा मानते हैं. मान्यता है कि दिवाली के दिन राजा महाबली की मृत्यु होने की वजह से यहां दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इसके अलावा दूसरी वजह यह भी है कि वहां पर हिंदुओं की संख्या भी कम है, इसलिए भी यहां दिवाली का त्योहार कम मनाया जाता है.
क्यों होती है मां लक्ष्मी की पूजा?
शास्त्रों के अनुसार जब देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे. तब समुद्र मंथन से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी जिनमें से एक मां लक्ष्मी भी थीं. मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या को ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.