Wednesday

02-04-2025 Vol 19

Bappa Is Here! गणेश चतुर्थी से पहले मुंबई के लालबागचा राजा का फर्स्ट लुक देखें…

Lalbaugcha Raja First look: Bappa Is Here! गणेश चतुर्थी आने ही वाली है. देशभर में गणपति बप्पा के स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही है. जगह-जगह पांडाल लगाए जा रहे है. लेकिन सबसे ज्यादा गणेशोत्सव की धूम महाराष्ट्र में देखी जाती है. गणेश उत्सव महाराष्ट्र में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. सबसे ज्यादा भक्तों को इंतजार रहता है मुंबई के लालबागचा राजा का. मुंबई के लालबागचा राजा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था. लालबागचा राजा के पहले दर्शन के लिए भक्त आतुर रहते है. इसी क्रम में गणेश चुर्थी से पहले मुंबई के लालबागचा राजा का फर्स्ट लुक सामने आ गया है. चलिए देखते है इस बार का लुक कैसा है. इस बार बप्पा कितने भक्तों को मोहित करेंगे…..


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इस बार ऐसे मनमोहक है बप्पा

मैरून रंग की पोशाक पहने बप्पा की एक झलक देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो गए. पुतलाबाई चॉल में लालबागचा राजा या लालबाग का राजा भारत की वित्तीय राजधानी में सबसे अधिक देखा जाने वाला गणेश मंडल है. आम लोगों से लेकर मशहूर हस्तियों तक, लाखों मुंबईवासी प्रतिष्ठित लालबागचा की एक झलक पाने के लिए हर साल लालबाग की लंबी कतारों में खड़े होते हैं. लालबागचा के दरबार में कोई सेलिब्रिटी नहीं होता.

यहां विशिष्टजन से लेकर आम लोगों तक सभी एक लाइन में बप्पा के समक्ष शीष झुकाते नजर आते है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी का उत्सव 7 सितंबर से शुरू होगा. गणपति उत्सव महाराष्ट्र में होने वाला एक प्रमुख उत्सव है. गणेशोत्सव दस दिनों तक चलने वाला उत्सव है. यह उत्सव भव्य गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है.

लालबाग के राजा का इतिहास

लालबाग का इतिहास 1900 के दशक की शुरुआत का है, जब परेल क्षेत्र की पहचान मुख्य रूप से इसकी हलचल भरी कपड़ा मिलों से होती थी. 1930 के दशक में जैसे-जैसे औद्योगीकरण बढ़ा, इन मिलों को महत्वपूर्ण उथल-पुथल का सामना करना पड़ा, जिसका स्थानीय समुदाय और उनकी आजीविका दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ा.

स्थानीय किंवदंती के अनुसार, उथल-पुथल की अवधि के दौरान, क्षेत्र के मछुआरों और व्यापारियों ने सहायता मांगने के लिए अपने प्रिय देवता, भगवान गणेश की ओर रुख किया. उनकी प्रार्थनाओं के जवाब में, उन्हें ज़मीन का एक टुकड़ा उपहार में दिया गया जो अब हलचल भरे लालबाग बाज़ार का निर्माण करता है। समुदाय ने इस उपहार को गणेश जी के दिव्य आशीर्वाद के रूप में देखा.

उनके दिव्य आशीर्वाद के सम्मान में, स्थानीय लोगों ने गणपति उत्सव के लिए भूमि का एक हिस्सा समर्पित करने का फैसला किया. इस प्रकार, इस स्थल पर लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना की गई, जहां हर साल गणेश मूर्ति स्थापित की जाती है. उत्सव के दौरान मूर्ति को विभिन्न पोशाकों से सजाया जाता है और राजा के रूप में मनाया जाता है.

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