रांची। झारखंड में लाल आतंक (red terror) यानी नक्सलियों की धमक कम हो रही है। राज्य में माओवादी नक्सलियों (Maoist Naxalites) के सबसे बड़े और दुर्गम गढ़ बूढ़ा पहाड़ (Budha Pahar) पर अब सुरक्षा बलों और पुलिस का कब्जा है। 22 साल में यह पहली बार है, जब यहां नक्सलियों के कैंप पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए। राज्य के पारसनाथ पहाड़ (Parasnath mountain), कोल्हान प्रमंडल के कुचाई ट्राइजंक्शन और कई जंगलवर्ती इलाकों में भी नक्सलियों के पांव उखड़ रहे हैं। राज्य पुलिस के आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं।
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान ए.वी. होमकर के मुताबिक वर्ष 2022 में राज्य में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ों के दौरान 11 नक्सली मारे गए हैं। इस साल लगभग दो दर्जन मुठभेड़ हुए, जिसमें पुलिस भारी पड़ी। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 416 माओवादियों को अरेस्ट किया गया है। इस दौरान 183 हथियार, 16260 एम्युनेशन, 984 आईईडी एवं 625.66 किलो विस्फोटक रुपए बरामद किए गए। इसके अलाव नक्सलियों के पास से 99.41 रुपए भी बरामद किए गए। यह नक्सलियों द्वारा ठेकेदारों, व्यवसायियों से रंगदारी के तौर पर वसूली गई राशि है।
14 नक्सलियों ने राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष हथियार डाले हैं। इनमें से ज्यादातर पर झारखंड सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक माओवादियों के शीर्ष संगठन स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य, रीजनल कमेटी का एक मेम्बर, दो जोनल कमांडर, एक सब जोनल कमांडर, सात एरिया कमांडर हैं।
बताया गया कि साल 2022 में पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ तीन ऑपरेशन चलाये। इनके नाम ऑपरेशन डबलबुल (Operation Doublebull), ऑपरेशन ऑक्टोपस (Operation Octopus) और ऑपरेशन थंडरस्ट्रॉम (Operation Thunderstrom) थे। इन ऑपरेशंस में पुलिस को रणनीतिक सफलताएं हासिल हुईं। नक्सलियों से मुक्त कराए गए क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के 22 नए कैंप स्थापित किए गए हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सराहना की है।
बता दें कि राज्य के 24 में 16 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव है। इनमें गुमला, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रांची, सरायकेला-खरसावां, बोकारो, चतरा, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम जिले शामिल हैं। अब कई जिले नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहे हैं। (आईएएनएस)