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23-04-2025 Vol 19

कोविड-19 संबंधी तैयारियों के लिए देशभर में मॉक ड्रिल

नई दिल्ली। कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सोमवार को अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए देशभर में कई सार्वजनिक एवं निजी केंद्रों में पूर्वाभ्यास किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने दिल्ली में राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) में कोविड-19 संबंधी तैयारियों को लेकर पूर्वाभ्यास (mock drill) की समीक्षा के लिए अस्पताल का दौरा किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को अद्यतन आंकड़े के अनुसार भारत में कोविड-19 (COVID-19) के 5,880 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 35,199 हो गई है। वहीं, संक्रमण से 14 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,30,979 हो गई है।

सात अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक में मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से अस्पतालों का दौरा करने और 10 एवं 11 अप्रैल को तैयारियों पर पूर्वाभ्यास का निरीक्षण करने का अनुरोध किया था।

राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ ऑनलाइन बैठक में मांडविया ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआई) के मामलों के बढ़ते रूझानों निगरानी करने, जांच और टीकाकरण बढ़ाने तथा अस्पतालों के बुनियादी ढांचा की तैयारी सुनिश्चित कर ऐसे आपात ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने और संक्रमण की पुष्टि वाले नमूनों का समग्र जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) बढ़ाने के अलावा उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे जागरुकता पैदा करने पर जोर दिया।

बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वायरस के वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट(वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य स्वरूपों (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16) पर बारीकी से नजर रख रहा है।

वायरस का वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) उन स्वरूपों को कहा जाता है जिनके स्वरूपों में परिवर्तन के शुरुआती वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं और जो तेजी से प्रसारित हो रहे हैं।

बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जांच दर मौजूदा राष्ट्रीय औसत प्रति 10 लाख लोगों पर 100 जांच की तुलना में कम है।

मांडविया ने कहा था कि वायरस के नए स्वरूपों के आने के बावजूद पांच नियमों ‘‘जांच – निगरानी – उपचार – टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन’’ की रणनीति कोविड-19 प्रबंधन के लिए आजमाई हुई रणनीति बनी हुई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी जांच की दर में तेजी लाने और परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की भागीदारी बढ़ाने का अनुरोध किया गया। (भाषा)

NI Desk

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