नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने दोपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने का करार किया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अहम वार्ता हुई और कई सामरिक और सुरक्षा सहयोग पर सहमति बनी। सोमवार को लॉयड ऑस्टिन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद ऑस्टिन ने चीन के आरोपों का जवाब दिया तो राजनाथ सिंह ने उनसे कहा कि अमेरिका हथियार के मामले में पाकिस्तान पर भरोसा न करे।
अमेरिकी रक्षी लॉयड ऑस्टिन ने सोमवार को नई दिल्ली से चीन के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने चीन के इस आरोप का जवाब दिया कि अमेरिका हिंद-प्रशांत में नाटो बनाने की तैयारी कर रहा है। ऑस्टिन ने कहा- हम ऐसी कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं। हमारा मकसद सिर्फ हिंद-प्रशांत को व्यापार के लिए आजाद रखना और इसकी सुरक्षा के लिए अपने जैसे विचार वाले देशों के साथ काम करना है।
वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि अमेरिका हथियार के मामले में पाकिस्तान पर भरोसा करने की गलती न करे। उन्होंने कहा- हथियारों के मामले में पाकिस्तान कतई भरोसेमंद नहीं है, क्योंकि वह हथियारों और तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता आ सकती है। राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान दोनों ने हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत को स्वीकार किया। दोनों देशों ने नेविगेशन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
इससे पहले लॉयड ऑस्टिन रविवार को भारत पहुंचे थे। सोमवार को उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। सोमवार को उन्हें तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। ऑस्टिन के साथ दोपक्षीय बैठक के बाद राजनाथ सिंह बताया कि दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। ऑस्टिन ने भी कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक नई पहल की जा रही है। इसे इंडस-एक्स कहा गया है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के वक्त करेंगे। गौरतलब है कि जून के तीसरे हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाने वाले हैं। तभी ऑस्टिन का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
बहरहाल, राजनाथ सिंह बताया कि दोनों देशों के बीच नई तकनीकें साझा करने, नए सिस्टम डेवलेप करने के लिए एक रोडमैप बनाया जाएगा। ऑस्टिन के भारत दौरे को लेकर पेंटागन ने भी बयान जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी मजबूत होगी। बहरहाल, लॉयड ऑस्टिन का यह दूसरा भारत दौरा है। इससे पहले वे 2021 में भारत आए थे।