Monday

10-03-2025 Vol 19

पाक सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया

इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) का दरवाजा खटखटाने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने इमरान की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। सुनावई के दौरान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) उमर अता बंदियाल ने उनकी रिहाई का निर्देश जारी किया। सीजेपी ने टिप्पणी की कि पीटीआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद देश में हिंसा फैली हुई है और अदालत चाहती है कि देश में शांति बनी रहे। इससे पहले दिन में गुरुवार दोपहर को शीर्ष अदालत ने खान को एक घंटे के भीतर अदालत में पेश करने का आदेश दिया था, क्योंकि उसने एनएबी मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका पर विचार किया। बंदियाल की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर (Muhammad Ali Mazhar) और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह (Athar Minallah) भी शामिल थे।

ये भी पढ़ें- http://पीएम मोदी कल करेंगे गुजरात का दौरा 

इमरान खान को अदालत में पेश करने का निर्देश पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल (Umar Ata Bandial) द्वारा इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) के परिसर से उनकी गिरफ्तारी को देश के न्यायिक प्रतिष्ठान के लिए एक बड़ा अपमान करार देने के बाद आया था। खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली पीटीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता करते हुए सीजेपी ने यह टिप्पणी की। बेंच में सीजेपी के अलावा जस्टिस अतहर मिनल्लाह और जस्टिस मुहम्मद अली मजहर भी शामिल थे। सुनवाई की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री के वकील हामिद खान (Hamid Khan) ने अदालत को सूचित किया कि खान अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए आईएचसी गए थे। पीटीआई प्रमुख जब अपना वेरिफिकेशन करवा रहे थे तो रेंजर्स के जवान रूम में घुस गए। रेंजर्स ने इमरान खान के साथ बदसलूकी की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस पर, सीजेपी बांदियाल ने उस मामले के बारे में पूछताछ की जिसमें खान जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे थे। न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने पूछा कि क्या बायोमेट्रिक सत्यापन (Biometric Verification) किए जाने से पहले याचिका दायर की जा सकती है। इस पर वकील ने कहा कि खान बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए गए क्योंकि इससे पहले याचिका दायर नहीं की जा सकती। न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने कानून को अपने हाथ में क्यों लिया? बेहतर होता कि एनएबी आईएचसी रजिस्ट्रार से अनुमति मांगता। (आईएएनएस)

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *