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31-03-2025 Vol 19

बंगाल में एंटी रेप बिल पास

कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और उसकी बर्बर हत्या की घटना के बाद उपजे गुस्से के बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बलात्कार के मामलों में निश्चित समय में बेहद सख्त सजा का प्रावधान करने वाला एक कठोर कानून पास कराया है। विधानसभा के दो दिन के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को यह बिल पेश किया गया और चर्चा के बाद इसे पास कराया गया। सभी पार्टियों की आम सहमति से बिल पास हुआ। बिल पास होने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता सुवेंदु अधिकारी ने जल्दी से जल्दी इसे लागू करने की मांग की।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को पास किए गया नए कानून के तहत बलात्कार के मामले की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। इसे अपराजिता महिला व बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) नाम दिया गया है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। क्योंकि आपराधिक कानूनों का मामला समवर्ती सूची में है। दोनों जगह पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार हुआ था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर देश भर में हुए प्रदर्शनों के बीच ममता बनर्जी ने सख्त कानून बनाने की बात कही थी और इसके लिए दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। बहरहाल, नए बिल में कहा गया है कि बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाए। इसमें उसे सारी उम्र जेल में रखा जाए। इस दौरान उसे पैरोल भी ना दी जाए।

मौजूदा कानून के तहत उम्रकैद की कम से कम सजा 14 साल है। उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद सजा माफी हो सकती है, पैरोल दी जा सकती है। सजा कम भी की जा सकती है, लेकिन जेल में 14 साल बिताने होंगे। परंतु ममता बनर्जी सरकार के बिल में पूरी जिंदगी जेल में रहने का प्रावधान है। इसमें रेप के मामलों में जांच 21 दिन के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। इस जांच को अधिकतम 15 दिन बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह एसपी और इसके बराबर की रैंक वाले अधिकारी ही करेंगे। साथ ही इससे पहले उन्हें लिखित में इसका कारण केस डायरी में बताना होगा। इस कानून में जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव है, जिसका नाम अपराजिता टास्क फोर्स होगा। इसका नेतृत्व डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे।

NI Desk

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