देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक नई बन रही सुरंग के धंस जाने की वजह से उसमें फंस गए 40 मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है। मंगलवार की शाम तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी सहित कई संगठनों और एजेंसियों के लोग मजदूरों को निकालने के प्रयास में लगे थे। मजदूरों को सुरंग में फंसे 60 घंटे से ज्यादा समय हो चुके हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि दिवाली की सुबह यानी 12 नवंबर को यह सुरंग धंस गई थी। उसके बाद से बताया जा रहा है कि मजदूरों तक पहुंचने के प्रयास में सुरंग और धंस रही है।
सुरंग में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा 15 लोग झारखंड के हैं। उनके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि के भी मजदूर हैं। करीब दो सौ लोगों की टीम राहत और बचाव के काम में लगी है। बचाव का काम 24 घंटे चल रहा है। मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। खाना-पानी भी दिया जा रहा है। इस बीच सुरंग में फंसे उत्तराखंड के एक मजदूर मंगलवार को अपने बेटे से थोड़ी देर के लिए बात की। इस दौरान मजदूर ने अपने बेटे को बताया कि सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं।
बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए लगाए गए पाइप के जरिए ही मजदूर और उसके बेटे की बातचीत हुई है। बेटे ने बताया कि उसके पिता ने जानकारी दी है कि सुरंग के अंदर फंसा कोई भी मजदूर घायल नहीं हुआ है। मंगलवार की शाम को राहत व बचाव की टीमों ने कहा कि कुछ घंटे में सबको निकाल लिया जाएगा। गौरतलब है कि चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह सुरंग ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है।