देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में 28 फरवरी को बर्फ का पहाड़ टूटने से फंसे मजदूरों में से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। इनमें से चार लोगों की मौत बाद इलाज के दौरान हुई। उन्हें बचा लिया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हादसे के तीसरे दिन रविवार को चार शव निकाले गए। हादसे के दूसरे दिन शुक्रवार को 17 लोगों को निकाला गया था। शनिवार को 33 लोग निकाले गए थे। इन्हीं में से चार लोगों की मौत हुई थी।
पहले हिमस्खलन में लापता मजदूरों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन शनिवार को पता चला कि एक मजदूर बिना बताए कैंप से अपने गांव चला गया था। हादसा चमोली के माणा गांव में 28 फरवरी की सुबह सवा सात बजे हुआ। उस समय बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन यानी बीआरओ के मजदूर कंटेनर हाउस में रुके थे, तभी बर्फ का पहाड़ खिसक गया। सभी मजदूर इसकी चपेट में आ गए।
बर्फ में दबे 46 मजदूरों को निकाले जाने के बाद जोशीमठ के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो की हालात गंभीर होने के बाद ऋषिकेश एम्स भेज दिया गया। एम्स की ओर से बताया गया है कि रविवार को एक और मरीज को एयरलिफ्ट करके वहां लाया गया। जोशीमठ आर्मी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम मजदूरों का इलाज कर रही है। मेजर अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि दो मजदूरों की हालत गंभीर है।