Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर सबको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आइए ‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना के लिए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ की अनुभूति को और सुदृढ़ करके, एकजुट होकर बाबासाहेब की देन व धरोहर ‘संविधान और आरक्षण’ बचाने के पीडीए के आंदोलन को नई ताकत प्रदान करें और दोहराएं कि ‘संविधान ही संजीवनी’ है और ‘संविधान ही ढाल है’ और ये भी कि जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, तब तक हम सबका मान-सम्मान-स्वाभिमान और अधिकार सुरक्षित रहेगा। (Akhilesh Yadav)
उन्होंने आगे लिखा कि ‘स्वमान’ के तहत हमने अपने सौहार्दपूर्ण, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक मानक और मूल्यों के साथ ही अपनी ‘स्वयं की एकता’ के मूल्य को समझकर, इस पीडीए रूपी एकजुटता की परिवर्तनकारी शक्ति का भी मान समझें। ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के माध्यम से ही पीडीए समाज के लोग अपनी निर्णायक शक्ति हासिल करके उत्पीड़न, अत्याचार और पीड़ा से मुक्त होकर, स्वाभिमान से जीने का हक और अधिकार पा पाएंगे और दमनकारी, उत्पीड़नकारी, वर्चस्ववादी, प्रभुत्ववादी, शक्तिकामी नकारात्मक ताकतों को संवैधानिक जवाब दे पाएंगे।
Also Read : सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा कि पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी, पीडीए की एकजुटता ही सुनहरा भविष्य बनाएगी। आइए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के इस संघर्ष को समारोह में बदल दें। (Akhilesh Yadav)
ज्ञात हो कि भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती सभी दल बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं। भाजपा सरकार ने तो 13 अप्रैल से ही इसका आयोजन शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। आज सभी जिलों के अधिकारी, कर्मचारी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण का कार्यक्रम कर रहे हैं। इस दिन राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिनमें डॉ. अंबेडकर के विचारों एवं संविधान निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वयं इन आयोजनों में भाग लें।