Broadband Rollout : केंद्र सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल डिवाइड को खत्म करने मदद की है। ब्रॉडबैंड रोलआउट में तमिलनाडु सबसे आगे बना हुआ है, जहां 10,000 से अधिक ग्राम पंचायतें अब सर्विस-रेडी हैं।
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 अगले महीने 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है और यह एनबीएम 1.0 के अनुभवों पर आधारित है। (Broadband Rollout)
एनबीएम 2.0 का उद्देश्य भारत को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के एक नए युग में एक मंझा हुआ खिलाड़ी बनाना है।
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए 14 मई, 2022 को ‘गति शक्ति संचार पोर्टल’ लॉन्च किया, जिसे ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाने और दूरसंचार टावर लगाने के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) परमिशन प्राप्त करने के लिए लाया गया है। (Broadband Rollout)
दूरसंचार अधिनियम, 2023 और 1 जनवरी 2025 से प्रभावी दूरसंचार (राइट ऑफ वे) नियम 2024 ने राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) प्रक्रियाओं को पहले से बेहतर किया है।
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ग्रामीण ब्रॉडबैंड विस्तार में तेजी, डिजिटल डिवाइड होगी खत्म (Broadband Rollout)
इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रहा है और डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) से फंडिंग के साथ डिजिटल डिवाइड को खत्म कर रहा है।
मुख्य पहलों में संशोधित भारत नेट परियोजना शामिल है, जो सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को मांग पर ब्रॉडबैंड प्रदान करती है। (Broadband Rollout)
यह उत्तर-पूर्वी राज्यों, द्वीप समूह, एलडब्ल्यूई (वामपंथी उग्रवाद) प्रभावित क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों और सीमावर्ती गांवों जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं (4जी सहित) के लिए योजनाएं भी प्रदान करता है।
डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने बताया कि फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए चेन्नई और अंडमान और निकोबार तथा कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है। (Broadband Rollout)
तमिलनाडु में स्टेट-लेड मॉडल के तहत, आवंटित कार्य की लागत 1,544.44 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) है, जिसमें से 28 फरवरी तक 1,093.74 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।
डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर के अनुसार, 24 फरवरी तक, 12,524 में से 10,298 ग्राम पंचायतों को सर्विस-रेडी बना दिया गया है और तमिलनाडु में भारतनेट परियोजना के तहत 53,511 रूट किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई गई है।