जयपुर। राजस्थान में चुनाव नतीजे आने के 27 दिन बाद और मुख्यमंत्री के शपथ लेने के 15 दिन बाद आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। भाजपा के 22 विधायकों ने शनिवार को मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से 12 विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पांच को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री और पांच को राज्यमंत्री बनाया गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों को पद व गोपनीयता दिलाई। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा ने करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को भी मंत्री बना दिया है। गौरतलब है कि इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन की वजह से चुनाव टल गया था। वहां अब चुनाव हो रहा है और पांच जनवरी को मतदान होना है। उससे पहले भाजपा ने अपने प्रत्याशी को चुनाव के बीच ही मंत्री बना दिया है। राजस्थान में यह पहला मामला है, जब चलते चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया है।
बहरहाल, लोकसभा से इस्तीफा देकर विधायक बने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा गजेंद्र सिंह खींवसर, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी व सुमित गोदारा कैबिनेट मंत्री बने हैं। इनके अलावा संजय शर्मा, गौतम कुमार, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्रपाल सिंह टीटी व हीरालाल नागर को स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। पांच अन्य विधायकों, ओटाराम देवासी, डॉ. मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, के के बिश्नोई व जवाहर सिंह बेढम ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। राजस्थान के नए मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले कई विधायकों को जगह नहीं मिल पाई है।