चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष बन गए हैं। इस तरह पांच महीने के बाद फिर से पार्टी पर बादल परिवार का नियंत्रण हो गया है। शनिवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हॉल में पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति के साथ सुखबीर बादल के नाम का फैसला किया गया। कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने उनके नाम प्रस्ताव किया। इस चुनाव के लिए बादल के खिलाफ किसी ने भी अपना नाम प्रस्तावित नहीं किया। इसके बाद आम सहमति से सुखबीर बादल को प्रधान चुन लिया गया।
अकाली नेता और इन चुनावों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव अधिकारी गुलजार सिंह रणिके ने बैठक के बीच बादल के नाम पर मोहर लगा दी। प्रधान चुने जाने के बाद सुखबीर बादल मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा, ‘विरोधी पार्टियों ने क्षेत्रीय पार्टियों को नुकसान पहुंचाने के लिए तख्तों के जत्थेदारों को अपने पक्ष में कर लिया था और बागी गुट के नेता सत्ता के लालच में हैं’। बादल ने करीब पांच महीने पहले अकाली दल के प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया था, क्योंकि उन्हें तनखैया घोषित किया गया था।
सुखबीर बादल ने 16 नवंबर 2024 को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्हें अकाल तख्त द्वारा तनखैया यानी धर्म का दोषी घोषित किया गया था। तनखैया होने की सजा काटने के समय उन पर गोली भी चली थी। दो दिसंबर 2025 को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल सहित मौजूदा नेतृत्व को पार्टी चलाने के अयोग्य बताया था। इसके बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ज्ञानी रघबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज को नियुक्त किया।