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24-04-2025 Vol 19

पहलगाम हमले पर भारत का प्रहार, 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका…अटारी बॉर्डर सील

दक्षिण कश्मीर के शांत और सुरम्य स्थल पहलगाम में हुए भीषण पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।

इस त्रासदी के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करते हुए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक आपात बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि CCS को हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि समिति ने इस अमानवीय हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए शहीदों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ है, और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने हेतु पाँच बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं:

1. सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty)

सिंधु जल संधि एक ऐतिहासिक समझौता है जो 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस संधि के तहत दोनों देशों ने छह प्रमुख नदियों – सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज – के जल संसाधनों का बंटवारा किया। (पहलगाम हमले)

भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) के जल पर पूर्ण अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) के जल का उपयोग करने की अनुमति दी गई।

संधि का उद्देश्य

इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच जल को लेकर किसी भी प्रकार के संघर्ष से बचना और कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चलने देना था। (पहलगाम हमले) भारत ने हमेशा इस संधि का पूरी निष्ठा से पालन किया, जबकि पाकिस्तान पर बार-बार आतंकवाद को समर्थन देने और सीमा पार से हमलों को प्रोत्साहन देने के आरोप लगते रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक तीन युद्ध हो चुके हैं, इसके बावजूद भारत ने कभी जल आपूर्ति को रोका नहीं।

पाकिस्तान में जल संकट की आशंका

पाकिस्तान की लगभग 80% कृषि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर है। यदि भारत इन नदियों के जल को रोकने का निर्णय लेता है, तो पाकिस्तान में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो सकता है। (पहलगाम हमले) इससे न केवल कृषि क्षेत्र प्रभावित होगा, बल्कि बिजली उत्पादन भी घटेगा, क्योंकि पाकिस्तान कई डैम और जलविद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा प्राप्त करता है। इसका व्यापक असर उसकी अर्थव्यवस्था और उद्योगों पर पड़ेगा।

अब यह निर्णय लिया गया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से और स्थायी रूप से बंद नहीं करता।

2. अटारी चेक पोस्ट बंद होने से पाकिस्तानियों की आवाजाही पर रोक

भारत सरकार ने अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से पाकिस्तान से आने-जाने वाले नागरिकों की आवाजाही पूरी तरह से रुक जाएगी।

इसके साथ ही भारत से पाकिस्तान को होने वाला छोटे स्तर का निर्यात जैसे सेंधा नमक, मुल्तानी मिट्टी, चमड़े और तांबे के सामान, ऊन, चूना आदि भी बंद हो जाएगा, (पहलगाम हमले) जिससे पाकिस्तान के छोटे व्यापारियों को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

भारत में पहले से मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई 2025 तक इस मार्ग से लौटने की अनुमति दी गई है। इसके बाद यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा और वापसी की कोई अनुमति नहीं होगी।

गौरतलब है कि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार पहले ही बंद किया जा चुका है। वर्तमान में केवल तीसरे देशों के माध्यम से ही व्यापारिक गतिविधियाँ हो रही हैं।

3. पहलगाम हमले के बाद वीजा सेवा पर रोक

भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवा पर पूर्णतः रोक लगा दी है। अब पाकिस्तानी नागरिक न तो सामान्य वीजा के जरिए और न ही SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत आ सकेंगे।

इसके तहत पाकिस्तानियों को जारी किए गए सभी SPES वीजा अब रद्द माने जाएंगे, और (पहलगाम हमले) वर्तमान में भारत में मौजूद ऐसे नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा।

इस सख्त फैसले का उद्देश्य भारत की सुरक्षा को पुख्ता करना है। लंबे समय से यह देखने में आया है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक रिश्तेदारों से मिलने या धार्मिक यात्रा के बहाने भारत में प्रवेश कर, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

वीजा सेवाओं पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने आतंकियों के भारत आने के संभावित रास्तों को भी बंद कर दिया है। यह निर्णय देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। (पहलगाम हमले)

4. हाई कमीशन से डिफेंस एडवाइजर्स हटाए

भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग (हाई कमीशन) में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है।

इन अधिकारियों को भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह की अवधि दी गई है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और राजनयिक मर्यादाओं के उल्लंघन की पृष्ठभूमि में लिया गया है।

इसके साथ ही भारत ने 1 मई 2025 तक पाकिस्तानी उच्चायोग में मौजूद कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला किया है। यह एक बड़ा संकेत है कि भारत अब दो तरफा संबंधों में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि भारत ने आज़ादी के बाद कभी भी नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास को पूरी तरह बंद नहीं किया है, लेकिन हालिया घटनाक्रमों के चलते यह सख्त कदम उठाना जरूरी समझा गया।

5. अपने डिफेंस एडवाइजर्स भी वापस बुलाए

भारत ने भी अपने डिफेंस एडवाइजर्स वापस बुलाने का फैसला किया है। पाकिस्तान द्वारा अपने रक्षा सलाहकारों को हटाने के बाद, भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।

इसके साथ ही संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा। दोनों देशों के हाई कमीशन से सर्विस एडवाइजर्स के 5 सपोर्ट स्टाफ को भी हटाया जाएगा।

इन फैसलों का प्रभाव

सैन्य-डिप्लोमैटिक संवाद पूरी तरह बंद: पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों की वापसी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर किसी भी तरह की बातचीत और संपर्क अब पूरी तरह से बंद हो जाएगा।

हाई कमीशन की प्रभावशीलता में कमी: स्टाफ की संख्या 55 से घटकर 30 रह जाने के कारण पाकिस्तान का उच्चायोग भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति और कार्यक्षमता खो देगा, जिससे उसका प्रभाव सीमित हो जाएगा।

आतंकी हमले में 26 की मौत, 17 घायल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में मंगलवार को हुए पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 17 लोग घायल हो गए हैं। आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी।

पहलगाम हमले के बाद बुधवार सुबह से ही सेना, एनआईए, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। ड्रोन और हेलिकॉप्टर के जरिए क्षेत्र की निगरानी की जा रही है और आतंकवादियों की तलाश जारी है। पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बायसरन घाटी में हुए पहलगाम हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है। इसके अलावा, दो पाकिस्तानी आतंकवादियों की भी पहचान की गई है।

पहलगाम हमले के दौरान आतंकवादियों ने करीब 20 मिनट तक एके-47 राइफलों से गोलीबारी की। स्थानीय आतंकवादी आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख के नाम सामने आए हैं।

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