Wednesday

09-04-2025 Vol 19

मणिपुर में हिंसा, चार की मौत

इम्फाल। मणिपुर के कई हिस्सों में एक साथ हिंसा भड़क गई है। दो अलग अलग जगहों पर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है। राज्य के उखरुल जिले में बुधवार को नगा समुदाय के दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा घायल हैं। उधर एक दूसरे घटनाक्रम में हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर में एक प्रतिबंधित संगठन के टाउन कमांडर की गोली मार कर हत्या कर दी गई। दूसरी ओर दो मैती युवाओं के अपहरण के खिलाफ आंदोलन भी तेज हो गया है। गौरतलब है कि करीब 16 महीने से मणिपुर में चल रही हिंसा में दो सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

बहरहाल, उखरुल की घटना को लेकर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अगले आदेश तक लोगों के घरों से निकलने पर रोक है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्ष नगा समुदाय के हैं, लेकिन हुनफुन और हंगपुंग नाम के दो अलग अलग गांव हैं। दोनों पक्ष एक जमीन पर अपना दावा करते हैं। स्वच्छता अभियान के तहत विवादित जमीन की सफाई को लेकर दोनों पक्षों के बीच हिंसा हुई। इलाके में असम राइफल्स को तैनात किया गया है।

दूसरी घटना चुराचांदपुर की है, जहां लीशांग गांव के पास मंगलवार को अज्ञात लोगों ने एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के टाउन कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जिले के कपरंग गांव के निवासी सेखोहाओ हाओकिप के रूप में की गई। पुलिस ने बताया कि मृतक यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी का सदस्य था।

इस बीच मैती समुदाय के दो युवाओं के अपहरण का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। थौबल जिले में उग्रवादियों द्वारा दो युवकों का अपहरण किए जाने के विरोध में ज्वाइंट एक्शन कमेटी, जेएसी ने 48 घंटे का बंद बुलाया था। इससे मंगलवार और बुधवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने 27 सितंबर को दो स्थानीय युवकों का अपहरण कर लिया था। इसे लेकर जेएसी ने एक अक्टूबर को सुबह तीन बजे से बंद का आह्वान किया था। जेएसी ने 30 अक्टूबर की रात तक युवाओं को रिहा नहीं किए जाने पर विरोध, प्रदर्शन और जिले में पूर्ण बंद की धमकी दी थी।

इससे पहले सोमवार को थौबल मेला ग्राउंड में विरोध, प्रदर्शन भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे भी जाम कर दिया। गौरतलब है कि, कुकी उग्रवादियों ने तीन युवकों को बंदी बनाया था, उनमें से एक को छोड़ दिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बाकी दोनों को भी छोड़ा जाए। प्रदर्शन में पीड़ितों के परिवार भी शामिल हुए। जेएसी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी मुलाकात की थी और प्रदर्शन के बारे में जानकारी दे दी थी।

NI Desk

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