इम्फाल। जातीय हिंसा में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार मणिपुर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर रही है। बताया जा रहा है कि करीब 11 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में आम लोगों के साथ साथ विधायकों और मंत्रियों को भी निशाना बनाया जाने लगा है। थानों और सीआरपीएफ कैम्प पर भी हमले की कोशिश हुई है। इसलिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है।
मणिपुर के मुख्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा- सशस्त्र बलों की 90 कंपनियों के 10,800 सुरक्षा बलों की तैनाती होगी। उन्होंने कहा- हमें 90 कंपनियां और मिल रही हैं। इसका बड़ा हिस्सा पहले ही इम्फाल पहुंच चुका है। कंपनियों को अलग अलग जगह भेजा जा रहा है। जल्दी ही पूरे एरिया को कवर कर लेंगे। गौरतलब है कि मणिपुर में सीआरपीएफ, एसएसबी, असम राइफल, आईटीबीपी सहित दूसरी सशस्त्र बलों की कई कंपनियां तैनात हैं।
गौरतलब है कि 16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था। सुसींद्रो ने कहा- मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब तीन हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई। बीएसएफ और मेरे सुरक्षा बलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि, उन्होंने तितर-बितर करने के लिए उन्होंने हवाई फायर किए। सुसींद्रो मैती समुदाय से आते हैं।
बहरहाल, कुलदीप सिंह ने कहा- हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं। गौरतलब है कि भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों के घरों पर हमले करके लाखों रुपए की लूट की थी।