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01-03-2025 Vol 19

राजस्थान में एकबार फिर नए वायरस की दस्तक, नए वायरस से उदयपुर के एक बच्चे की मौत

Chandipura Virus: राजस्थान में एकबार फिर से नए वायरस की एंट्री हुई है. गुजरात में चांदीपुरा नाम के इस वायरस से संक्रमित 6 में से 4 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें राजस्थान के उदयपुर निवासी दो बच्चों भी शामिल है. इन बच्चों में वायरस के लक्षण पाए जाने के कारण यह माना जा रहा है कि वे भी चांदीपुरा वायरल से संक्रमित हैं. बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान उदयपुर निवासी एक बच्चे की मौत हो गई है. गुजरात के अधिकारियों ने राजस्थान के चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी संदिग्ध वायरल संक्रमण के कारण बच्चे की मौत के बारे में सूचित कर दिया है.

देश में अबतक चांदीपुरा वायरस के 29 मामले

गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर जारी है. यहां के अरावली जिले के मोटा कंथारिया गांव में चांदीपुरा वायरस से चार साल की बच्ची की मौत हो गई. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है. देश में अब तक चांदीपुरा वायरस के 29 संदिग्ध मामले सामने आए हैं. इनमें से 15 मरीजों की मौत हो चुकी है. THE HINDU की रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया, 15 बच्चों की मौत अब तक हुई है. इनमें से एक की मौत चांदीपुरा वायरस होने की पुष्टि हुई है. सभी केसों में लक्षण एक जैसे हैं. इसलिए सभी मौतें चांदीपुरा वायरस से होने की संभावना जताई जा रही है.

क्या है चांदीपुरा वायरस?

चांदीपुरा के 29 केसों में 26 गुजरात में सामने आए हैं. जबकि 2 राजस्थान और एक मध्य प्रदेश में मिला है. वहीं, मौतों की बात करें तो 15 में से 13 मौतें गुजरात में हुई हैं. जबकि एक-एक मरीज की मौत राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई है. गुजरात के साबरकांठा, अरावली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा, राजकोट, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, गांधीनगर, पंचमहल, जामनगर और मोरबी जिलों से अब तक चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए हैं. चांदीपुरा वायरस से बुखार होता है. इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं और इससे तीव्र इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) होती है. यह वायरस रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है. यह मच्छरों, बालू मक्खी जैसे कीट पतंगों द्वारा फैलता है. यह वायरस काफी खतरनाक माना जाता है. 2003-2004 में आंध्र प्रदेश और गुजरात में इससे 56-75 प्रतिशत तक मृत्यु दर देखी गई थी.

कैसे पड़ा चांदीपुरा नाम?

इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा में हुई थी. ऐसे में इस वायरस को चांदीपुरा नाम से जाना जाने लगा. इस वायरस से ज्यादातर 9 महीने से 14 साल के बच्चे प्रभावित होते हैं. यह वायरस ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता है. बुखार, उल्टी, दस्त और सिर दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं.

NI Desk

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