Devendra Fadnavis : यूबीटी शिवसेना के मुख पत्र “सामना” में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की गई है। सामना में लिखा गया कि फडणवीस ने राज्य में शासन को अनुशासन में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
पिछले तीन वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में भ्रष्टाचार फैल गया था, जिससे राज्य का प्रशासन भ्रष्ट हो गया था। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस गंदगी को साफ करने का निर्णय लिया और इस कार्य की शुरुआत भी कर दी है। (Devendra Fadnavis)
सामना के अनुसार, मुख्यमंत्री फडणवीस ने न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की, बल्कि मंत्रियों द्वारा किए जा रहे गलत कामों पर भी कड़ी नजर रखी। मंत्रियों के ‘पीए’ और ‘ओएसडी’ (ऑफिशियल सेक्युरिटी डिवीजन) नियुक्त करने के अधिकार को फडणवीस ने छीन लिया।
इससे पहले, शिंदे सरकार के दौरान कई मंत्री अपने निजी सहायकों को नियुक्त कर रहे थे, जो भ्रष्टाचार और दलाली में लिप्त थे। फडणवीस ने ऐसे 16 नामों को नकारा, जो शिंदे सरकार में मंत्री के ‘ओएसडी’ बनने के लिए भेजे गए थे। ये लोग फिक्सिंग और दलाली में शामिल थे और मुख्यमंत्री ने उन्हें सीधे तौर पर खारिज कर दिया। (Devendra Fadnavis)
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फडणवीस ने भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया, फिक्सरों को हटाया (Devendra Fadnavis)
सामना में यह भी उल्लेख किया गया कि इन 16 नामों में से 12 शिंदे गुट के मंत्रियों द्वारा दिए गए थे। इस पर सवाल उठाया गया कि मंत्रियों को ऐसे लोगों की आवश्यकता क्यों थी, जो भ्रष्टाचार और फिक्सिंग में शामिल हों। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन फिक्सरों को नियुक्ति से बाहर कर दिया, जो राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को साफ और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
इसके अलावा, माणिक कोकाटे जैसे कुछ मंत्रियों ने खुलकर स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वह अच्छा काम करें और भ्रष्टाचार से बचें। फडणवीस का यह कदम राज्य में शासन व्यवस्था को सही दिशा में ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है। (Devendra Fadnavis)
सामना में लिखा गया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में शासन में सुधार लाने के लिए कई कड़े और प्रभावी कदम उठाए हैं और उनकी भूमिका राज्य के प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।