नागपुर। मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने के मसले पर हुए हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के बाद सोमवार, 17 मार्च की रात को भड़के सांप्रदायिक दंगे के आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले के मास्टरमाइंड फहीम सहित छह आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर पांच सौ से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें विश्व हिंदू परिषद के भी आठ कार्यकर्ता शामिल हैं। अदालत ने 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
दंगे के तीन दिन बाद गुरुवार को हिंसा प्रभावित सभी नौ इलाकों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। इस बीच पुलिस ने सांप्रदायिक दंगे के मामले में बांग्लादेश कनेक्शन मिलने का दावा किया है। पुलिस ने बुधवार को यह दावा किया। पुलिस की साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की है, साथ ही 10 एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने दावा किया कि सोशल मीडिया पोस्ट पर एक यूजर से धमकी मिली है कि सोमवार का दंगा एक छोटी घटना थी, भविष्य में बड़े दंगे होंगे।
गौरतलब है कि सोमवार रात हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें डीसीपी रैंक के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान की भूमिका को लेकर साइबर सेल के डीसीपी ने बताया कि फहीम ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ हुए प्रदर्शन का वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिससे माहौल बिगड़ा और हिंसा फैली। उसने हिंसात्मक वीडियो को बढ़ावा भी दिया। दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए विधानसभा में कहा कि जिस हरे रंग चादर जलाने के मसले दंगा भड़का उस चादर पर कुरान की आयत नहीं थी। आयत को लेकर अफवाह फैलाई गई।