मुंबई। महाराष्ट्र की सभी पार्टियां मराठा आरक्षण के समर्थन में हैं। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई है कि मराठों को आरक्षण मिलना चाहिए। साथ ही सभी दलों ने आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल से अपना अनशन खत्म करने की अपील की है। आरक्षण आंदोलनकारियों के हिंसक प्रदर्शन के बीच बुधवार की सुबह सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी पार्टियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बुलाई सर्वदलीय बैठक में शरद पवार सहित 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए।
सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू हुई बैठक करीब तीन घंटे चली। दोपहर डेढ़ बजे मुख्यमंत्री शिंदे सहयाद्री भवन से बाहर आए और मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। यह फैसला किया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। शिंदे ने आगे कहा- आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जारांगे से भी अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को एक महिला सहित नौ और लोगों ने आत्महत्या कर ली। इस तरह 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में 25 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इस साल सितंबर में शुरू हुआ आंदोलन 10 जिलों में हिंसक हो गया है। सोमवार को हुई हिंसा के बाद दो जिलों में कर्फ्यू लगाई गई और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। आंदोलन के समर्थन में अब तक दो सांसद और चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें शिव सेना शिंदे गुट के हिंगोली और नासिक के सांसद हेमंत पाटिल और हेमंत गोडसे शामिल हैं।
इस बीच सरकार में शामिल तीनों पार्टियों के 10 विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस साल आंदोलन शुरू करने वाले मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल का बुधवार को आठवां दिन था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है- महाराष्ट्र सरकार विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण पर फैसला करे। वरना ये आंदोलन देशभर में होगा। उन्होंने फैसला न करने पर जल त्यागने की चेतावनी दी है।