kedarnath ropeway : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार, 5 मार्च 2025 को उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण सौगात मिली। केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के लिए बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है।
इस परियोजना के अंतर्गत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कुल 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा, जिसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना को नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट द्वारा विकसित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस रोपवे के निर्माण से यात्रियों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि वर्तमान में जो यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है, वह मात्र 36 मिनट में संपन्न हो सकेगी।
इस रोपवे में एक बार में 36 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी, जिससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम की यात्रा करने में अत्यधिक सुविधा मिलेगी। (kedarnath ropeway)
इसके अतिरिक्त, नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड में एक और महत्वपूर्ण रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दी है। यह परियोजना गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी होगी।
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धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा
इस परियोजना के तहत तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में संशोधन को भी स्वीकृति दी है। इस संशोधन के तहत पशु औषधि घटक को शामिल किया गया है, जिससे पशुधन की बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में सहायता मिलेगी।
इस योजना के तहत टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे पशुपालकों को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी। (kedarnath ropeway)
इन निर्णयों से उत्तराखंड के पर्यटन और धार्मिक स्थलों को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
रोपवे परियोजनाएं विशेष रूप से श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही हैं, जिससे उनकी यात्रा सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम हो सके।
सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना (kedarnath ropeway)
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्त्वाकांक्षी रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
इस रोपवे को अत्याधुनिक ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक पर बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। (kedarnath ropeway)
यह रोपवे परियोजना 12.9 किलोमीटर लंबी होगी और इसके निर्माण में कुल 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वर्तमान में पैदल यात्रा में 8-9 घंटे लगते हैं, जो इस रोपवे के माध्यम से केवल 36 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
विशेषताएँ एवं लाभ
उच्च क्षमता: इस रोपवे में एक बार में 36 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी।
दैनिक क्षमता: प्रतिदिन 18,000 यात्री इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
पर्यावरण के अनुकूल: रोपवे परियोजना पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए विकसित की जाएगी। (kedarnath ropeway)
समय की बचत: यात्रियों को लंबे और कठिन पहाड़ी मार्ग से राहत मिलेगी, जिससे यात्रा अधिक आरामदायक और सुविधाजनक होगी।
सुरक्षा और विश्वसनीयता: 3S तकनीक के कारण रोपवे अधिक सुरक्षित और स्थिर होगा, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं की संभावना न्यूनतम होगी।
धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र में योगदान
केदारनाथ धाम हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। (kedarnath ropeway)
यह रोपवे परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगी। तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन और स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा।
अन्य संबंधित योजनाएँ (kedarnath ropeway)
इसके साथ ही कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 2024-25 और 2025-26 में 3,880 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे पशु चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा।
सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना उत्तराखंड में तीर्थयात्रा के अनुभव को बदलने वाली एक ऐतिहासिक पहल साबित होगी। (kedarnath ropeway)
यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पर्यावरण-संरक्षण, स्थानीय रोजगार सृजन और धार्मिक पर्यटन के विस्तार में भी सहायक सिद्ध होगी। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने से केदारनाथ की यात्रा अधिक सुगम, सुरक्षित और आनंददायक हो जाएगी।
स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से चारधाम यात्रा को नया प्रोत्साहन मिलेगा। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय व्यवसायों को भी आर्थिक लाभ होगा।
इस निर्णय के तहत यात्रा का संचालन पूरे छह महीने तक जारी रहेगा, जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर पड़ने वाला अत्यधिक दबाव कम होगा। इससे यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। (kedarnath ropeway)
चारधाम यात्रा से संबंधित इस निर्णय का एक और प्रमुख लाभ यह होगा कि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यात्रा सीजन में व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और इससे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट, गाइड सेवाओं और अन्य संबंधित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
हेमकुंड साहिब में रोपवे परियोजना
उत्तराखंड में केदारनाथ रोपवे परियोजना को उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालित किया जाएगा। यह अधिनियम लाइसेंसिंग, संचालन की निगरानी, सुरक्षा उपायों और किराया निर्धारण के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। (kedarnath ropeway)
इसके अलावा, एक अन्य प्रमुख परियोजना हेमकुंड साहिब में रोपवे के निर्माण की है, जिसके लिए सरकार द्वारा 2730 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर तक की यात्रा सुगम होगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ा लाभ मिलेगा।
पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम कार्यक्रम (kedarnath ropeway)
केंद्रीय कैबिनेट में किसानों और पशुधन से जुड़े मामलों पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम कार्यक्रम के तहत 3880 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। (kedarnath ropeway)
इस योजना का उद्देश्य देशभर में पशुओं में होने वाली दो प्रमुख बीमारियों – खुरपका-मुंहपका रोग (FMD) और ब्रुसेलोसिस को नियंत्रित करना है। इस निवेश से पशुपालकों को सीधा लाभ होगा और देश में दुग्ध उत्पादन और पशुधन से जुड़ी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर) मोड पर तैयार किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी।
इस रोपवे के निर्माण से हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं और फूलों की घाटी में जाने वाले पर्यटकों को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, यह परियोजना गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब के बीच हर मौसम में सुरक्षित और सुविधाजनक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।
केंद्र सरकार के इन निर्णयों से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के विकास को नया आयाम मिलेगा। चारधाम यात्रा को बढ़ावा मिलने से स्थानीय व्यवसायों को लाभ होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
इसके साथ ही, हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना और पशुधन स्वास्थ्य कार्यक्रम भी देश की अर्थव्यवस्था और जनकल्याण को मजबूती प्रदान करेंगे। (kedarnath ropeway)
मुख्य पहल
व्यापक टीकाकरण अभियान पर विशेष ध्यान.
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां, किसानों को उनके द्वार पर सहायता.
भारत पशुधन पोर्टल, लाइव मॉनिटरिंग के लिए.
पशु औषधि: उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं.
पीएम किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों के माध्यम से दवा वितरण.
पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा: एथनो-वेटरनरी चिकित्सा का प्रोत्साहन.