Wednesday

23-04-2025 Vol 19

झारखंड सरकार डिलीवरी ब्वॉय से लेकर कैब चलाने वालों के लिए विधेयक लाएगी

Hemant Soren : फूड-पिज्जा की डिलीवरी या इस तरह के काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा और उनके वाजिब अधिकारों को झारखंड सरकार कानूनी तौर पर संरक्षण देगी। इसके लिए कानून बनाने की तैयारी कर ली गई है। इससे संबंधित विधेयक का ड्राफ्ट राज्य सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने तैयार कर लिया है। (Hemant Soren)

इसे विधि और वित्त विभाग की सहमति के बाद कैबिनेट से पारित कराया जाएगा। फिर, इसे 24 फरवरी से शुरू होने वाले झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। इस विधेयक का नाम “द झारखंड प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन एंड वेलफेयर) बिल” रखा गया है। इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं, जिससे फूड डिलीवरी करने वाले, ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलीवरी ब्वॉय, ओला-उबर-रैपिडो जैसी कंपनियों के ड्राइवर और इस प्रकृति के काम करने वाले वर्कर्स को मिनिमम वेज, बीमा, स्टाइपेंड और अन्य प्रकार की सामाजिक सुरक्षा हासिल हो सके।

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अनुमान है कि पूरे झारखंड के विभिन्न जिलों में लगभग 12 लाख लोग ऐसे कामों में लगे हैं। विधेयक में प्रावधान किया जा रहा है कि ऐसे श्रमिकों का पंजीकरण करने के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा और प्रत्येक को एक यूनिक आईडी जारी की जाएगी।

गिग वर्कर्स के मामलों की सुनवाई के लिए “झारखंड प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड” का गठन किया जाएगा। इस विधेयक का प्रस्तावित ड्राफ्ट सरकार ने पिछले साल जुलाई महीने में ही प्रकाशित किया था, जिस पर नियोजक कंपनियों, गिग वर्कर्स और आम लोगों से सुझाव मांगे गए थे। (Hemant Soren)

इसके पहले राज्य के श्रम विभाग के अंतर्गत झारखंड राज्य न्यूनतम मजदूरी परामर्शदातृ पर्षद ने गिग वर्कर्स की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी गठित की थी। झारखंड सरकार राज्य में काम करने वाली सभी प्राइवेट कंपनियों में 40 हजार रुपए मासिक तनख्वाह वाली नौकरियों में 75 प्रतिशत पद राज्य के स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का कानून बना चुकी है। इस कानून का पालन नहीं करने पर सैकड़ों कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है।

Naya India

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