Saturday

19-04-2025 Vol 19

न्यायिक सक्रियता पर धनखड़ का निशाना

नई दिल्ली। राज्य विधानसभा से पास विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपालों के अधिकार तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार ने तो अभी कुछ नहीं कहा है कि लेकिन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा है। आठ अप्रैल को फैसला आने के 10 दिन बाद गुरुवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर आपत्ति जताई, जिसमें उसने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समय सीमा तय की थी। धनखड़ ने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं।

उप राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को मिले विशेष अधिकार पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। उन्होंने कहा कि जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल को तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर फैसला सुनाया था और राज्यपाल के अधिकार की सीमा तय कर दी थी।

उप राष्ट्रपति का बयान: न्यायपालिका की जवाबदेही पर सवाल

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा था, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है’। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी विधेयकों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध भी बताया था।

इस फैसले के 10 दिन बाद गुरुवार, 17 अप्रैल को राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे पास ऐसे जज हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी कार्य करेंगे, जो सुपर संसद के रूप में भी कार्य करेंगे। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी, क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता है’।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार सबसे अहम होती है और सभी संस्थाओं को अपनी अपनी सीमाओं में रहकर काम करना चाहिए। कोई भी संस्था संविधान से ऊपर नहीं है।

उप राष्ट्रपति ने दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा के घर अधजली नकदी मिलने के मामले में अब तक एफआईआर क्यों नहीं हुई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की इन हाउस कमेटी बनाई है। इसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है।

कमेटी सिर्फ सिफारिश दे सकती है, लेकिन कार्रवाई का अधिकार संसद के पास है। उन्होंने कहा कि अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं।

Also Read: प्रीति शर्मा के नेतृत्व में प्रजना फाउंडेशन की बगरू में मासिक धर्म जागरूकता की अलख

Pic Credit: ANI

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *