नई दिल्ली। भारी बारिश और दिल्ली की सड़कों पर बाढ़ के हालात के बीच शुक्रवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बड़ा हादसा हो गया। शुक्रवार की सुबह पांच बजे भारी बारिश के बीच हवाईअड्डे के टर्मिनल एक पर पार्किंग की छत गिर गई। इस हादसे में कई गाड़ियां दब गईं, जिनमें एक गाड़ी में बैठे टैक्सी ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि आठ लोग घायल हुए। घायलों को इलाज के लिए मेदांता अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद विमानों के संचालन पर रोक लगा दी गई।
घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस, पुलिस, सीआईएसएफ और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य किया। दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारियों ने बताया- इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल एक पर घरेलू उड़ान के लिए पार्किंग एरिया में सुबह गाड़ियों की लंबी लाइन लगी थी। इसी दौरान पार्किंग की छत गिर गई। छत का भारी भरकम हिस्सा और लोहे के तीन सपोर्ट बीम भी गाड़ियों पर गिर गए। इस दौरान यहां खड़ी कारें बीम में दब गईं।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि टर्मिनल एक पर डिपार्चर गेट नंबर एक और गेट नंबर दो के बाहर की छत गिर गई, जिसमें चार गाड़ियां दब गईं। इन गाड़ियों में दबे आठ लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। बाहर निकाले गए एक व्यक्ति की मौत पहले ही हो चुकी थी। घटना को लेकर भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 304ए और 337 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हवाईअड्डे पर हुए इस हादसे के बाद राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसी साल 10 मार्च को टर्मिनल एक का उद्घाटन किया था, जिसकी छत गिरने से यह हादसा हुआ। कांग्रेस ने कहा है कि तीन महीने पहले मोदी ने जबलपुर एयरपोर्ट का भी उद्घाटन किया था। वहां भी एक दिन पहले एयरपोर्ट का शेड एक अफसर की कार पर गिर गया था। हालांकि बाद में सत्तापक्ष की ओर से पलटवार किया गया। नागरिक विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने दावा किया कि टर्मिनल एक का जो हिस्सा गिरा है, उसका 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में निर्माण और उद्घाटन किया गया था।