Braj Holi 2025: ब्रज की धरती पर होली का आगाज होते ही पूरा क्षेत्र आनंद और उमंग में डूब जाता है। यह वही प्रसिद्ध होली है, जिसका इंतजार न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में किया जाता है।
ब्रज की होली अपने रंग और भक्ति के संगम के लिए जानी जाती है, जिसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। यहां हर ओर रंगों की बौछार, गुलाल की उड़ती लहरें और उत्साह से भरे भक्तों का सैलाब नजर आता है।
ब्रज की होली में लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली और दूल्हे राजा की बारात जैसी विभिन्न परंपराएं हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नंदगांव, मथुरा, बलदेव और गोवर्धन जैसे पावन स्थलों पर यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।
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ब्रज की अनूठी होली के अलग-अलग रंग
बरसाना की लट्ठमार होली: यहां महिलाएं प्रेम और शरारत से सराबोर होकर पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, जबकि पुरुष ढाल लेकर इस खेल का आनंद लेते हैं।
नंदगांव की होली: नंदगांव के गोप बरसाना की गलियों में आकर होली खेलते हैं और राधा रानी की सखियां उन्हें प्रेम के रंगों से सराबोर कर देती हैं।
वृंदावन की फूलों की होली: प्रेम और भक्ति से भरी यह होली ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में खेली जाती है, जहां गुलाल और अबीर के बजाय फूलों की वर्षा होती है।
बलदेव की दाऊजी का हुरंगा: बलराम मंदिर में मनाया जाने वाला यह उत्सव बेहद अनोखा होता है, जिसमें भक्त रंगों और प्रेम के माहौल में डूब जाते हैं। (Braj Holi 2025)
ब्रज की होली का जादू हर किसी के दिल को छू जाता है। जब यहां के रसिया गूंजते हैं, ढोल-नगाड़ों की थाप पर भक्त झूमते हैं और हर गली-चौराहे पर रंग और उल्लास का माहौल होता है, तब यह अनुभव किसी स्वप्न से कम नहीं लगता।
अगर आप भी इस अनोखी होली का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए और ब्रज के रंग में रंगने के लिए निकल पड़िए, क्योंकि यह त्योहार केवल देखने या सुनने के लिए नहीं, बल्कि इसे जीने के लिए होता है!
ब्रज में 7 मार्च से रंगों का महोत्सव (Braj Holi 2025)
अगर आप ब्रज की होली का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कब, कहां और किस दिन होली का आयोजन होने जा रहा है।
वैसे तो ब्रज में पूरा फाल्गुन महीना ही होली के रंगों में सराबोर रहता है, लेकिन प्रसिद्ध होली उत्सव की औपचारिक शुरुआत 7 मार्च से होगी। इस दिन फाग आमंत्रण के साथ लड्डू होली का आयोजन किया जाएगा, जो अपने अनोखे अंदाज के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
ब्रज की बोली, ब्रज की होली और यहां की अनूठी परंपराएं हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। फाल्गुन का महीना शुरू होते ही यहां के मंदिर, गलियां और चौपालें होली के रंगों से सराबोर हो जाती हैं।
इस दौरान हर कोई कृष्ण प्रेम में रंगा नजर आता है, और वातावरण में भक्ति, संगीत और उल्लास की ध्वनि गूंजने लगती है। (Braj Holi 2025)
लड्डू होली का विशेष आयोजन (7 मार्च)
ब्रज की पारंपरिक होली का शुभारंभ 7 मार्च से होगा। इस दिन फाग आमंत्रण की रस्म निभाई जाएगी, जिसमें सभी को होली खेलने के लिए आमंत्रित किया जाता है। (Braj Holi 2025)
साथ ही, लड्डू होली का आयोजन होगा, जो नंदगांव और बरसाना में धूमधाम से मनाई जाती है। इस होली में गुलाल के साथ लड्डुओं की वर्षा होती है, और श्रद्धालु इस अद्भुत नजारे का आनंद उठाते हैं।
लट्ठमार होली का रोमांच (8 मार्च)
8 मार्च को ब्रज में सबसे प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली जाएगी। इसमें बरसाना की महिलाएं (गुजरिया) नंदगांव के हुरियारों पर लाठियों की बौछार करती हैं, जबकि पुरुष ढाल लेकर इन प्रहारों से बचने की कोशिश करते हैं।
यह परंपरा राधा-कृष्ण के प्रेम और हास-परिहास से जुड़ी मानी जाती है, जिसमें प्रेम और रंगों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। (Braj Holi 2025)
ब्रज की होली का जादू
ब्रज की होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा भी है। वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नंदगांव, मथुरा, बलदेव और गोवर्धन जैसे पावन स्थलों पर अलग-अलग तरीके से होली मनाई जाती है। (Braj Holi 2025)
लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली और हुरंगा जैसे आयोजन इसे अनोखा बनाते हैं। अगर आप भी इस अविस्मरणीय अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ब्रज की होली में जरूर शामिल हों और खुद को कान्हा के रंग में रंगने दें।
9 मार्च को लट्ठमार होली (Braj Holi 2025)
ब्रज की होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि परंपराओं, प्रेम और भक्ति से भरा एक दिव्य आयोजन है। यहां की होली अलग-अलग दिनों में अलग-अलग स्थानों पर अनोखे अंदाज में मनाई जाती है।
यदि आप ब्रज की ऐतिहासिक और प्रसिद्ध होली का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको इसका पूरा शेड्यूल जानना जरूरी है। इस दौरान ब्रज के मंदिरों, गलियों और चौपालों में राधा-कृष्ण के प्रेम और लीला का अनूठा नजारा देखने को मिलेगा।
9 मार्च को बरसाना में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली जाएगी। इस अनोखी होली में हुरियारे (पुरुष) होली खेलने आते हैं, लेकिन बरसाना की महिलाएं (गोपियां) लाठियों से उनका स्वागत करती हैं।
हुरियारे इन प्रहारों से बचने की कोशिश करते हैं और यह दृश्य देखने लायक होता है। साथ ही, इस दिन ब्रज के रसिया गाए जाते हैं, जो इस त्योहार को और भी आनंदमय बना देते हैं। (Braj Holi 2025)
10 मार्च- मथुरा-वृंदावन में मंदिरों की होली
10 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मस्थान (मथुरा), श्री बांके बिहारी मंदिर (वृंदावन) और द्वारकाधीश मंदिर (मथुरा) में भव्य होली खेली जाएगी। (Braj Holi 2025)
इस दौरान श्रद्धालु ठाकुरजी के साथ होली खेलने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे, जहां अबीर-गुलाल के साथ भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
11 मार्च: गोकुल की छड़ीमार होली
11 मार्च को गोकुल में प्रसिद्ध छड़ीमार होली खेली जाएगी। यह होली भी लट्ठमार होली की तरह ही होती है, लेकिन इसमें लाठियों की जगह छड़ियों का प्रयोग किया जाता है। यह आयोजन कान्हा की बाल लीलाओं और उनकी शरारतों से जुड़ा माना जाता है।
13 मार्च: चतुर्वेदी समाज का डोला और होलिका दहन (फालेन, मथुरा) (Braj Holi 2025)
13 मार्च को मथुरा के फालेन गांव में होलिका दहन होगा, जो यहां की विशेष परंपराओं में से एक है। साथ ही, इस दिन चतुर्वेदी समाज का डोला निकाला जाएगा, जिसमें होली का उत्सव एक अलग ही रूप में नजर आएगा।
14 मार्च: धुलेंडी – पूरे ब्रज में रंगों की धूम
14 मार्च को धुलेंडी मनाई जाएगी, जो पूरे ब्रज क्षेत्र में रंगों के महासंगम का दिन होता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल उड़ाते हैं और होली की उमंग में सराबोर हो जाते हैं। (Braj Holi 2025)
15 मार्च: दाऊजी हुरंगा, नंदगांव, जाब और चरकुला नृत्य
15 मार्च को दाऊजी मंदिर (बलदेव) में हुरंगा का आयोजन होगा। इस हुरंगा में महिलाएं पुरुषों पर रंग उड़ाती हैं और उन्हें कोड़े (मजाकिया अंदाज में) मारती हैं।
साथ ही, नंदगांव और जाब गांव में भी होली की धूम देखने को मिलेगी। इस दिन चरकुला नृत्य भी होगा, जिसमें महिलाएं जलते हुए दीपों से सजे विशाल चरकुला (लकड़ी का ढांचा) को सिर पर रखकर नृत्य करती हैं।
16 मार्च: बठेन गांव में हुरंगा
16 मार्च को बठेन गांव में हुरंगा खेला जाएगा। यह भी दाऊजी हुरंगा की तरह ही एक अनोखी परंपरा है, जिसमें महिलाएं पुरुषों पर रंग बरसाती हैं और भक्ति गीत गाए जाते हैं। (Braj Holi 2025)
20 मार्च: महावन की छड़ीमार होली
20 मार्च को महावन में छड़ीमार होली का आयोजन किया जाएगा। इस होली की परंपरा गोकुल की छड़ीमार होली जैसी ही होती है, जिसमें भक्तजन और श्रद्धालु आनंदपूर्वक भाग लेते हैं।
22 मार्च: श्री रंगजी मंदिर, वृंदावन में होली
22 मार्च को वृंदावन के श्री रंगजी मंदिर में होली का विशेष आयोजन होगा। यहां दक्षिण भारतीय परंपराओं के अनुसार रथ यात्रा और गुलाल होली खेली जाती है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा अनुभव होता है। (Braj Holi 2025)
ब्रज की होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि यह श्रीकृष्ण की लीलाओं को पुनर्जीवित करने वाला पर्व है। यहां होली के हर दिन का एक अलग महत्व और परंपरा है, जिसे देखने और अनुभव करने के लिए देश-विदेश से हजारों भक्त और पर्यटक आते हैं।
अगर आप भी इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ब्रज की होली में जरूर शामिल हों और कृष्ण प्रेम के रंग में रंग जाएं!